तम का नाश कर दो अज्ञानता का ह्रास कर दो
ज्ञान उजियारे से माँ जीवन उल्लसित कर दो
तन मन प्रफुल्लित हो सदा नित करें तुम्हें वंदन
गीत शांति सौहार्द के गायें सदा हो जाए पूर्ण समर्पण
तुम्हारी प्रथम आराधना से हो वासंतिक अभिनन्दन
जीवन के हर पग पर मिल जाए एक नया खिला उपवन
सरस्वती माँ को सादर वन्दन अभिनन्दन
करो माँ हर ह्र्दय मे प्रेम का मधुर स्पन्दन
39 टिप्पणियां:
माँ सरस्वती की कृपा ऐसी ही बनी रही.... :)
माँ सरस्वती की कृपा ऐसी ही बनी रही.... :)
माँ शारदे की सुंदर स्तुति ....
माँ सरस्वती को नमन,
आपकी कलम को नमन,
निरालाजी को नमन !
माँ सरस्वती का आशीष यूँ ही सब पर सदैव बना रहे .. बसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
सुन्दर प्रस्तुति...
माँ सरस्वती की कृपा से आपकी लेखनी चिरायु हो..
अज्ञानता से हमें तार दो माँ
बहुत ही बढ़िया ।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
माँ शारदे की सुन्दर वंदना । माता की कृपा बनी रहे ।
बसंत पंचमी और माँ सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ । मेरे ब्लॉग "मेरी कविता" पर माँ शारदे को समर्पित 100वीं पोस्ट जरुर देखें ।
"हे ज्ञान की देवी शारदे"
सुंदर अभिव्यक्ति..
Bahut,bahut sundar!
माँ सरस्वती की सुन्दर वंदना..सुन्दर प्रस्तुति ।
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं....
बहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।
ऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुन्दर गान.....
वीणावादिनी वर दे ...
Maa ka vandan hai ... sundar bhaav abhivyakti ...
माँ सरस्वती को नमन ..हे शारदा तुझ नमन ...वीणावादनी जय हो ....
माँ सरस्वती की बहुत सुन्दर वंदना ... वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ...
माँ सरस्वती का सुन्दर वंदन ... अच्छा स्तुति गान
सुंदर वंदन।
बहुत सुन्दर .आप पर विशेष अनुकम्पा हो माँ की.
देवी देवताओं की पूजा उन लोगों का मौलिक अधिकार है जो कि उनकी पूजा में विश्वास रखते हैं। लेकिन जब इस पूजा और विश्वास को इस महान देश की ज्ञान परंपरा में देखा जाता है तो पता चलता है कि वैदिक परंपरा में मूर्ति पूजा बाद के काल में शामिल हुई।
जो लोग ज्ञानी हैं वे जानते हैं कि अनंत ज्ञान का स्वामी ईश्वर नर और नारी नहीं है। जब इस धरती पर ज्ञान का आलोक था तब यहां मूर्ति पूजा भी नहीं थी। तत्व की बात तो यह है कि इस सृष्टि का संचालन कोई देवी देवता नहीं कर रहा है बल्कि एक सर्वशक्तिमान ईश्वर ही कर रहा है। जो लोग उसके बनाये नियमों का पालन करते हैं उन्हें वह ज्ञान देता है और जो लोग उसके नियमों की अवहेलना करते हैं, वे ज्ञान से वंचित रह जाते हैं।
आज भारत के युवा विदेशों में जाते हैं ज्ञान पाने के लिए, शिक्षा पाने के लिए जबकि विदेशों में शारदा और सरस्वती की वंदना-पूजा-उपासना सिरे से ही नहीं होती। वे लक्ष्मी और कुबेर की पूजा भी नहीं करते लेकिन वर्ल्ड बैंक पर क़ब्ज़ा उनका ही है और भारत के लोग उनसे आर्थिक सहायता पाने की गुहार लगाते रहते हैं।
ज्ञान, शिक्षा और धन विदेशियों को क्यों मिला और देवियों के पुजारियों से भी ज़्यादा क्यों मिला ?
‘तत्व ज्ञानी‘ आज भी यही बताते हैं कि सारी चीज़ों का स्वामी केवल एक परमेश्वर है और उसके गुणों को देवी और देवता बताने वाली बातें केवल कवियों की कल्पनाएं हैं. जब ईश्वर के सत्य स्वरूप को भुला दिया गया तो ईश्वर ने अरब के लोगों को अपने सत्य स्वरूप का बोध कराया. हमारी सफलता इसमें है कि हम परमेश्वर के मार्गदर्शन में चलें जो कि वास्तव में ही ज्ञान का देने वाला है। उसका परिचय वेद और क़ुरआन में इस तरह आया है-
1. हुवल अव्वलु वल आखि़रु वज़्-ज़ाहिरु वल्-बातिनु, व हु-व बिकुल्लि शैइन अलीम.
वही आदि है और अन्त है, और वही भीतर है और वही बाहर है, और वह हर चीज़ का ज्ञान रखता है.
(पवित्र क़ुरआन, 57,3)
त्वमग्ने प्रथमो अंगिरस्तमः ...
अर्थात हे परमेश्वर ! तू सबसे पहला है और सबसे अधिक जानने वाला है.
(ऋग्वेद, 1,31,2)
2. ...लै-इ-स कमिस्लिहि शैउन ...
अर्थात उसके जैसी कोई चीज़ नहीं है.
(पवित्र क़ुरआन, 42,11)
न तस्य प्रतिमा अस्ति ...
उस परमेश्वर की कोई मूर्ति नहीं बन सकती.
(यजुर्वेद, 32,3)
Source : वेद क़ुरआन में ईश्वर का स्वरूप God in Ved & Quran
http://vedquran.blogspot.com/2012/01/god-in-ved-quran.html
सुंदर प्रस्तुति.....बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें.
सुन्दर सरस्वती वंदना ।
maa ko shat shat namn... achi rachna.... bdhai....
http://gauvanshrakshamanch.blogspot.com/
गौ रक्षा करने की जाग्रति हेतु एक ब्लॉग का निर्माण किया है ,आप सादर आमंत्रित है सदस्य बनने और अपने विचार /सुझाव/ लेख /कविता रखने के लिए ,अवश्य पधारियेगा.......
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं....!
सुंदर प्रस्तुति बहुत अच्छी रचना,..
--26 जनवरी आया है....
वीणा वादिनी वर दे.
आज 29/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
शत शत नमन
मां सरस्वती को समर्पित भक्तिभावमयी रचना उत्कृष्ट है।
जयतु शारदे।
माँ सरस्वती आपके शब्द और भाव में रंग भरें... वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामना
aaj pahunchaa. parhaa. achchha lagaa ki aapne maan ki sundar vandana kee.
bahut khoobsurat vandna.......
Vandana ji,bahut sundar vandana prastut ki hai aapne.
har shabd se pavitr bhav jhar rahe hain.
bahut bahut aabhar ji.
सरस्वती की कृपा से ही विद्या है,बुद्धि है और कम्प्यूटर रूपी यह कलम भी। माता की कृपा हम सब पर बनी रहे।
बहुत ख़ूबसूरत एवं भावपूर्ण वंदना! बेहद पसंद आया!
SAB PAR SARASVATI KEE KRIPA BANEE RAHE . SUNDAR VANDANAMAYEE
RACHNA KE LIYE BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .
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