तुम लिखते नही
या मुझ तक पहुंचते नही
तुम्हारे वो खत
जिसकी भाषा ,लिपि और व्याकरण
सब मुझ पर आकर सिमट जाता है
शायद संदेशवाहक बदल गये हैं
या कबूतर अब तुम्हारी मुंडेर पर नही बैठते
या शायद तुमने दाना डालना बंद कर दिया है
तभी बहेलियों के जाल में फँस गए हैं
कोई तो कारण है
यूँ ही नहीं हवाएं पैगाम लेकर आई हैं
कुछ तो जुस्तजू अभी बाकी है………………
43 टिप्पणियां:
khat ke bhasha lipi vyakaran sab aakar simat gaye...:))
kya gajab ki baat kahi hai..!!
वाह जी क्या बात हैं ....
वक्त के साथ सब कुछ बदला बदला सा क्यूँ हैं ?
बहुत खूब .. क्यों नहीं आते वो पयाम जो दिल से दिल बिना किसी सन्देश-वाहक के पहुँच सकें ...
सटीक |
बधाई ||
Very Niceeee
बढ़िया कविता... इन दिनों आपकी कविता में नए आयाम दिख रहे हैं...
बदले बदले से सरकार नजर आते हैं..सुन्दर प्रस्तुति.
वाह ...बहुत बढि़या ।
कल 25/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, ।। वक़्त इनका क़ायल है ... ।।
धन्यवाद!
बेहतरीन अभिव्यक्ति..
आपके इस उत्कृष्ट लेखन के लिए आभार ।
waah bahut achcha.
कुछ प्रश्नों के उत्तर नहीं होते....
सुन्दर....
बहुत खूब ..सुन्दर भाव..
bahut khoobsurat shabd aur bhaav, badhai sweekaaren Vandana ji.
बहुत सुन्दर
हिंदी दुनिया
कबूतर अब तुम्हारी मुंडेर पर नही बैठते
या शायद तुमने दाना डालना बंद कर दिया है
तभी बहेलियों के जाल में फँस गए हैं
कोई तो कारण है
यूँ ही नहीं हवाएं पैगाम लेकर आई हैं... सुनो भी , वरना ये न लौट जाएँ
दे के खत मुह देखता है नामवर
कुछ तो पैगामें जबानी और है....
कुछ तो जुस्तजू अभी बाकि है ---बहुत खूब ।
बहुत सुन्दर काव्य रचना और भाव बधाई
सच में अभी बहुत कुछ बाकि है......खुबसूरत रचना.....
हाँ शायद बाकी है कुछ
वाह ..प्रभाव शाली ..कितनी सुन्दर पंक्ति है ..
'यु ही नहीं हवाएं पैगाम लेकर आयीं हैं '
kalamdaan.blogspot.com
kya baat vandana ji.... :)
आज इस नए युग में पैगाम भेजने के तरीके बदल गए है,...बहुत खूब
इस सुंदर रचना,के लिए बधाई
Wah! Bahut,bahut sundar!
सुंदर बेहतरीन अभिव्यक्ती है
बहुत कुछ अभी बाकी है...!
दिल से दिल को राह होती है. हवाओं द्वारा ही सही पैगाम तो पहुँच ही जाता है...
खूबसूरत अहसास... आभार
awesome....... :) :)
बेहतरीन। बधाई।
जुस्तजू ही तो जिंदगी में आगे बढ़ने की हिम्मत देती है.
सुंदर विचार और इतनी ही सुंदर कविता.
बधाई.
बहुत सुंदर ....उम्दा प्रस्तुति .....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
--
गणतन्त्रदिवस की पूर्ववेला पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
sab kuchh to vahi hai ,bas dil asaar badal gaye hain . bahut sundar
एक मीठा सा एहसास कराती रचना! बहुत सराहनीय!
बहुत ही बढ़िया।
सादर
बहुत सुन्दर..
एहसासों से पगी...
सस्नेह.
बहुत सुन्दर रचना |
मेरी नई रचना जरुर देखें |
मेरी कविता:शबनमी ये रात
पैगाम तो आज भी भेजते है पर तरीके बदल गए है,...
बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
बहुत सुन्दर ..क्या बात है ...
वेहतरीन प्रस्तुति
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........
दिल की सबसे खूबसूरत बात , जिंदगी की सबसे खूबसूरत घडी, प्रकृति का सर्वोत्तम गीत अभी बाकी है !
सुंदर रचना ......सपरिवार सहित गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.....
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