लीजिये फिर आ गयी आपकी पसंद आपकी नज़र.........जी हाँ इस बार के जनवरी अंक में गर्भनाल पत्रिका में आपके साझा ब्लोग्स की चर्चा है जो इस प्रकार है .......
ये रहा गर्भनाल पत्रिका का लिंक ---------पेज २२ -२३ पर आप पढ़ सकते हैं ब्लॉग चर्चा
http://www.garbhanal.com/Garbhanal%2062.pdf
www.garbhanal.com
जो भी लिंक खुले उसे ओपन करके पढ़ सकते हैं और यदि न खुले तो यहाँ मैंने लगा ही दी है पूरी चर्चा
https://mail-attachment.googleusercontent.com/attachment?ui=2&ik=83ac09a125&view=att&th=134a21aacb6d9748&attid=0.1&disp=inline&safe=1&zw&saduie=AG9B_P-sqdOOtE1oq5h2pgM3cTYR&sadet=1325569955678&sads=E_jr8uaVNC7pnS84HRp-2IRkNdc&sadssc=1
या
https://mail-attachment.googleusercontent.com/attachment?ui=2&ik=83ac09a125&view=att&th=1341778c99fea601&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_gvw14tmo0&safe=1&zw&saduie=AG9B_P-sqdOOtE1oq5h2pgM3cTYR&sadet=1325500616235&sads=DZ_LoYkuoMFYqIX0_WIJEZ150tc&sadssc=1
पत्रिका में जगह की कमी की वजह से सभी साझे ब्लोग्स को जगह नहीं दी जा सकी उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ
भड़ास उन आम हिंदी मीडियाकर्मियों की आवाज है जो आनलाइन माध्यम से जुड़े हैं या आफलाइन, मसलन अखबार, टीवी और मैग्जीन आदि से संबद्ध हैं। ये उनकी भी आवाज है जो दिल में एक हिंदी मीडियाकर्मी बनने की हसरत रखे हैं लेकिन उन्हें अभी ठोकरें खानी पड़ रही हैं। ये उनकी भी आवाज है जो हिंदी वाले हैं, दिल वाले हैं लेकिन शहर के खेल-तमाशे में आकर खुद को तनहा पाते हैं। ऐसे सभी लोगों के दिल की धड़कन है भड़ास।
ये रहा गर्भनाल पत्रिका का लिंक ---------पेज २२ -२३ पर आप पढ़ सकते हैं ब्लॉग चर्चा
http://www.garbhanal.com/Garbhanal%2062.pdf
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जो भी लिंक खुले उसे ओपन करके पढ़ सकते हैं और यदि न खुले तो यहाँ मैंने लगा ही दी है पूरी चर्चा
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पत्रिका में जगह की कमी की वजह से सभी साझे ब्लोग्स को जगह नहीं दी जा सकी उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ
गागर में सागर हैं साझे ब्लोग्स
आज हम कुछ साझा ब्लोग्स की चर्चा करेंगे जिन्होंने अपना एक खास मुकाम बनाया है क्यूँकि इनके माध्यम से काफी नए रचनाकारों को एक प्लेटफ़ॉर्म मिल गया जहाँ वो अपने विचारों को सबसे साझा कर सकते हैं और साथ ही बाकी ब्लोगर्स को भी काफी नए नए ब्लोगर्स की रचनायें एक ही जगह पढने को मिल जाती हैं . आइये चलते हैं आज के पहले साझा ब्लॉग की तरफ ..........
http://www.sahityapremisangh. com/साहित्य प्रेमी संघ ब्लॉग के संचालक हैं सत्यम शिवम् . इतने कम समय में उन्होंने इस साझा मंच की एक विशेष पहचान बनाई है उनके द्वारा लिखे आलेख और कवितायेँ विभिन्न अख़बारों में समय- समय पर प्रकाशित हो रहे हैं. नए रचनाकारों को ये मंच प्रदान करके सत्यम जी ने उन्हें तो एक पहचान ही दी है साथ ही आज उनके इस मंच से 52 रचनाकार जुड़ गए हैं और इतने कम समय में इतनी पहचान बनाना किसी उपलब्धि से कम नहीं.
http://www.rachanakar.org/ रचनाकार ......रवि रतलामी जी द्वारा संचालित एक ऐसी ई पत्रिका है जो यूनिकोड पर आधारित पहली ई -पत्रिका है जिसके ५०००० से ज्यादा नियमित पाठक हैं और १००० से ज्यादा ग्राहक . अब तक हर विधा में ३२०० से ज्यादा रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं . रचनाकार में अपने सस्वर विडिओ भी भेजे जा सकते हैं जो उसी रूप में प्रकाशित भी होते हैं . हर विधा के माहिर यहाँ अपने विचार प्रस्तुत करते हैं फिर चाहे पुस्तकों की समीक्षा हो या साहित्यिक गतिविधियाँ , व्यंग्य , संस्मरण, नाटक, कविता, आलेख, कहानियां , लघुकथाएं , ग़ज़ल चुटकुले, बाल - कथाएँ,उपन्यास, निबंध सबको यहाँ स्थान मिला है और एक ही जगह सबको स्थान मिलने पर पाठक के लिए सबको पढना आसान हो जाता है और यही इसकी लोकप्रियता की कुंजी है.
http://www.nukkadh.com/ नुक्कड़ ......अविनाश वाचस्पति जी द्वारा संचालित ब्लॉग है जिसमे हर तरह की गतिविधि का अवलोकन किया जा सकता है फिर चाहे वो साहित्यिक हो, राजनितिक को, सूचनार्थ हो , या ब्लोगिंग से सम्बंधित . जैसे गली के नुक्कड़ पर जाकर सारे जहान की जानकारियां मिल जाती हैं उसी तरह इस नुक्कड़ पर आकर कहाँ क्या हो रहा है , कहाँ कौन सा आयोजन हो रहा है, किसे पुरस्कार मिला इत्यादि सारी जानकारियां उपलब्ध रहती हैं . ब्लॉगजगत की हर छोटी- बड़ी गतिविधि की यहाँ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं .
http://bhadas.blogspot.com/ भड़ास .........जैसा नाम वैसे गुण .........इसी को चरितार्थ करता है ये यशवंत सिंह जी द्वारा संचालित ब्लॉग .........जो आप कहीं नहीं कह पाते यहाँ आकर कह दीजिये.........इनका कहना है यदि आपके गले में कुछ अटक गया है तो उगल दीजिये मन हल्का हो जायेगा.........
भड़ास उन आम हिंदी मीडियाकर्मियों की आवाज है जो आनलाइन माध्यम से जुड़े हैं या आफलाइन, मसलन अखबार, टीवी और मैग्जीन आदि से संबद्ध हैं। ये उनकी भी आवाज है जो दिल में एक हिंदी मीडियाकर्मी बनने की हसरत रखे हैं लेकिन उन्हें अभी ठोकरें खानी पड़ रही हैं। ये उनकी भी आवाज है जो हिंदी वाले हैं, दिल वाले हैं लेकिन शहर के खेल-तमाशे में आकर खुद को तनहा पाते हैं। ऐसे सभी लोगों के दिल की धड़कन है भड़ास।
http:// allindiabloggersassociation. blogspot.com/ आल इंडिया ब्लोगर असोसिएशन सलीम खान जी द्वारा संचालित इस ब्लॉग ने बहुत जल्द पाठकों में अपनी पैठ बनाई है . सर्व धर्म समभाव का दर्शन इनके ब्लॉग पर होता है और महिलाओं का विशेष आदर किया जाता है जिसका उदाहरण यही है कि इस ब्लॉग कि अध्यक्षा एक महिला ही हैं इसके अलावा इन्होने महान ममता मंडल बनाया है जहाँ महिलाओं को विशेषाधिकार प्राप्त हैं जिसके द्वारा ये सन्देश देना चाहते हैं कि सभी को महिलाओं को उचित मान सम्मान देना चाहिए जिसकी वो वास्तविक हक़दार हैं.
http://www.hindisahityamanch. com/ हिंदी साहित्य मंच हिंदी का एक विरवा लगाये जाने के उद्देश्य से , हिंदीभाषी राष्ट्र की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से हिंदी साहित्य मंच का गठन हुआ . हिंदी साहित्य मंच पर कौन सी ऐसी विधा है जिसका अलंकरण ना हुआ हो फिर चाहे गीत हों , अकविता हो ,साक्षात्कार हों या समीक्षा हो ,पुस्तक समीक्षा हो या संस्मरण हों, व्यंग्य हों या साहित्यिक हलचल, हर विधा पर यहाँ लिखा गया है जो इस बात को इंगित करता है कि हिंदी साहित्य मंच किस तरह जी जान से जुटा हुआ है हिंदी को उसका मुकाम दिलाने के लिए. और यही इसकी सफलता का द्योतक है .
आज वटवृक्ष ब्लॉगजगत में किसी परिचय का मोहताज नहीं. इतने अल्प समय में ऐसी ख्याति और ऐसी उपलब्धि शायद ही किसी को मिली हो .वटवृक्ष का सञ्चालन रश्मि प्रभा जी और रविन्द्र प्रभात जी के सम्मिलित प्रयासों द्वारा किया जाता है. यहाँ तक कि वटवृक्ष ने इतना अल्प समय में एक त्रैमासिक पत्रिका भी निकाली है जिसका विमोचन हिंदी भवन में अभी ३० अप्रैल को हुआ जो इसकी सफलता को इंगित करता है. आज हर लेखक , कवि और साहित्यकार अपने को वटवृक्ष से जुड़ा महसूस करके गौरान्वित महसूस करता है. हर लेखक का यहाँ स्वागत है उसकी लिखी रचनाएँ सब पाठकों तक जल्द से जल्द पहुँचती हैं ना केवल पहुँचती हैं बल्कि नए- नए लोगों से जुड़ने का भी मौका मिलता है साथ ही नए लेखकों को पढने का भी........जब इतनी खूबियाँ एक ही जगह उपलब्ध हों तो कौन नहीं चाहेगा ऐसे मंच से जुड़ना.
http://bhartiynari.blogspot. com/ भारतीय नारी ब्लॉग अभी इसी जुलाई माह में बना है और जैसा कि नाम से पता चलता है ये ब्लॉग भारतीय नारियों की समस्याओं, उनकी उलझनों, उनके अधिकारों इत्यादि पर विचार विमर्श करता है . आज स्त्री विमर्श एक सबसे अहम् हिस्सा है किसी भी लेखक के लिए और शिखा कौशिक द्वारा संचालित ये ब्लॉग स्त्रियों की दयनीय दशा , उन्हें व्यवहार , उनकी कैसे मदद की जाये, शिक्षा के महत्त्व और भ्रूण हत्या को कैसे रोका जाये जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श करती है यहाँ स्त्री हो या पुरुष हर कोई अपने विचार प्रस्तुत कर सकता है मगर उसकी भाषा मर्यादित होनी चाहिए . आज भारतीय नारी ब्लॉग ने भी अपनी एक विशिष्ठ पहचान बनानी शुरू कर दी है.
http://blogworld-rajeev. blogspot.com/ ब्लॉग वर्ल्ड एक ऐसा अग्रीगेटर है जहाँ आपको सभी लेखकों की पोस्ट आसानी से पढने को मिल जाएँगी . जो भी इस ब्लॉग से जुड़ना चाहता है सिर्फ कमेन्ट बॉक्स में अपने ब्लॉग का url दे दे उसे जोड़ दिया जाता है और फिर आसानी से सब पाठकों तक उस ब्लॉग की पहुँच हो जाती है इसके अलावा ब्लॉग वर्ल्ड एक पोस्ट के माध्यम से अपने से जुड़े लेखकों का भी परिचय प्रस्तुत करता रहता है जिससे उस लेखक के विचार और उसके ब्लॉग की पहुँच भी सब पाठकों तक आसानी से हो जाती है.
http://blogsinmedia.com/ ब्लो ग्स इन मीडिया जैसा कि नाम से विदित हो रहा है मीडिया में जिन भी ब्लोग्स का जिक्र होता है उस खबर को सबसे पहले पाठकों तक पहुँचाने का काम ब्लोग्स इन मीडिया कर रहा है . अपनी तरह का अनोखा ब्लॉग है पूरे देश में कौन से अख़बार में किस ब्लॉग की चर्चा की गयी उसे खोजना और यहाँ उसकी जानकारी देना ये कोई कम बात नहीं है और अपने इस कार्य में ये ब्लॉग सफल हो रहा है.
http://aakharkalash.blogspot. com/ आखर कलश हिंदी साहित्य को दिशा देता एक सृजनात्मक ब्लॉग है जो नरेन्द्र व्यास जी द्वारा संचालित हैं उनके अलावा पंकज त्रिवेदी , सुनील गज्जानी जी भी इसके संपादक मंडल में शामिल हैं. हिंदी के नए- नए कवियों को आमंत्रित करना और उनकी बहुमूल्य कृतियों से पाठकों को लाभान्वित करना ही इनके ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है जिसे ये सब मिलकर बखूबी अंजाम दे रहे हैं . जो अपने बारे में ये कहते हैं ----
आखर कलश का प्रकाशन पूणरूप से अवैतनिक किया जाता है। आखर कलश का उद्धेश्य हिन्दी साहित्य की सेवार्थ वरिष्ठ रचनाकारों और उभरते रचनाकारों को एक ही मंच पर उपस्थित कर हिन्दी को और अधिक सशक्त बनाना है। और आखर कलश के इस पुनीत प्रयास में समस्त हिन्दी प्रेमियों, साहित्यकारों का मार्गदर्शन और सहयोग अपेक्षित है।
http://www.janokti.com/ जनोक् ति . कॉम के बारे में जयराम विप्लव जी कहते हैं -------------
अगस्त 09 में ‘जनोक्ति वेब मीडिया’ अस्तित्व में आया और वेब पर
हिंदी के पाठकों को स्तरीय मानसिक खुराक परोसने के लक्ष्य को
लेकर ” जनोक्ति.कॉम” JANOKTI.COM का शुभारम्भ किया |
महज एक साल से भी कम समय में इस लक्ष्य के सैकड़ों भागीदार
बन गए | 600 से अधिक पंजीकृत लेखक सहभागी | रोजाना हजारों
पाठक और उनकी सैकड़ों टिप्पणियाँ हमारे मनोबल को बढाती हैं |
हिंदी के पाठकों को स्तरीय मानसिक खुराक परोसने के लक्ष्य को
लेकर ” जनोक्ति.कॉम” JANOKTI.COM का शुभारम्भ किया |
महज एक साल से भी कम समय में इस लक्ष्य के सैकड़ों भागीदार
बन गए | 600 से अधिक पंजीकृत लेखक सहभागी | रोजाना हजारों
पाठक और उनकी सैकड़ों टिप्पणियाँ हमारे मनोबल को बढाती हैं |
एक दुनिया देखी हमने, जहां अभिव्यक्ति विकृति की संस्कृति में ढल रही है .हिंदी समाज की विडंबना हीं कहिये , सामाजिक सरोकारों पर मूत्र त्याग कर व्यक्तिगत स्वार्थों में लिप्त हो लेखन कर्म को वेश्यावृत्ति से भी बदतर बना दिया गया है . ऐसे समय में अंतरजाल में शीघ्रता से फ़ैल रहे हिंदी पाठक में वैकल्पिक मीडिया या यूँ कहें न्यू मीडिया के प्रति उत्साह बढ़ रहा है | जब विचारों को किसी वाद या विचारधारा का प्रश्रय लेकर ही समाज में स्वीकृति मिलने का प्रचलन बन जाए तब व्यक्तित्व का निर्माण संभव नही. इतिहास साक्षी है कि कलम और क्रांति में चोली दामन का साथ है. अब कलम को बाज़ार का सारथि बना दिया गया. ऐसे में किसी क्रांति की भूमिका कौन लिखेगा? तथाकथित कलम के वाहक बाज़ार की महफिलों में राते रंगीन कर रहे है.बाज़ार के बिस्तर पर स्खलित ज्ञान कभी क्रांति का जनक नही हो सकता.तो अब जबकि ’न्यू मीडिया यानि वेब मीडिया’ के रूप में सामानांतर विकल्प उभरा है तो हमारी जिम्मेदारी है कि छोटी लकीरों के बरक्स कई बड़ी रेखाए खिची जाएं. बाज़ारमुक्त और वादमुक्त हो समाजहित से राष्ट्रहित की ओर प्रवाहमान लेखन समय की मांग है. “जनोक्ति” परिवार ओज और धार से बनी हर एक लेखनी को आमंत्रित करता है ............
जनोक्ति अपना परिचय आप बन गया है .
http://raj-bhasha-hindi. blogspot.com/ राजभाषा हिंदी मनोज जी द्वारा संचालित ऐसा ब्लॉग है जहाँ हिंदी के बड़े बड़े कवियों की कवितायेँ तो प्रदर्शित होती ही हैं बल्कि साथ में उदीयमान और स्थापित कवियों की कविताओं को भी वैसा ही सम्मान मिलता है.हर तरह की विधा का यहाँ रसास्वादन किया जा सकता है .
http://yaadonkaaaina.blogspot. com/ हिन्दुस्तान का दर्द एक ऐसा ब्लॉग है जो अपने बारे में कहता है .............
अगर आप करते है सार्थक लेखन और आप उठा सकते है किसी भी मुद्दे पर अपनी आवाज़ को,तो यह मंच है आपके लिए, आप अपनी रचनाओं कोmr.sanjaysagar@gmail.comपर मेल करें उन्हें यहाँ प्रकाशित किया जायेगा..
देश की राजनीति को लग चुका है अभिशाप ,गुरु कर रहे है शिष्यों के साथ पाप,अस्पतालों मे हो रही है बच्चों की हेराफेरी,पुलिस को जीने के लिए जरुरी है घूसखोरी,खेलो मे खिलाडियों को रास आ रही है मैच फिक्सिंग , धार्मिक पत्रों के कलाकारों मे बढ रही है किसिंग !जनता से ख़रीदे जा रहे है वोट , संसद मे भी वोट के बदले नोट !देश के इसी तरह के गर्मागर्म मुद्दों पर आधारित ''हिन्दुस्तान का दर्द'' आपको मौका देता है अपनी बात कहने का! तो खामोश मत रहिये अपनी बात कहिये.....अगर आप भी इस ब्लॉग पर लिखना चाहते है तो अपना ईमेल अकाउंट आपके फ़ोन नंबर और पते के साथ हमें-mr.sanjaysagar@gmail.comपर भेजें और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-९९०७०४८४३८
यथा नाम तथा गुण को प्रतिपादित करता है ये ब्लॉग
प्यारी माँhttp://pyarimaan.blogspot. com/ जैसा कि नाम से विदित है ...........पूर्ण रूप से माँ को समर्पित ये ब्लॉग अनवर जमाल जी द्वारा संचालित है जिसमे हर वो इंसान जिसके मन में संवेदनाएं हैं , जिसकी आत्मा अभी मृतप्राय नहीं हुई है और जो देख सकता है , महसूस कर सकता है दूसरे का दर्द और एक माँ की ज़िन्दगी में क्या अहमियत होती है वो यहाँ अपने विचारों को चाहे आलेख चाहे कविता किसी भी विधा में रख सकता है और सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस ब्लॉग से ज्यादातर नारी जाति ही जुडी है जो यहाँ समय - समय पर अपनी संवेदनाओं को उकेरती रहती है.
http://www.apnimaati.co'अपनी माटी' वेबपत्रिका साहित्यिक गतिविधियों का एक जीता जागता उदाहरण है 'अपनी माटी' एक ऐसा वेब मंच हैं ,जहां गैर राजनैतिक और धर्म निरपेक्षता की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए हम साझेदारी में रचनाओं का प्रकाशन करते हैं.एक पंक्ति में कहा जाए तो कला,साहित्य,रंगकर्म,सिनेमा,समा ज,संगीत,पर्यावरण से जुड़े लेख,बातचीत,समाचार,फोटो, साहित्यिक रचनाएँ,रपट छपने और पढ़ने हेतु एक साझा मंच है .यहाँ उन सभी कार्यकर्ताओं और कलाधर्मियों का स्वागत रहता है जो अपने परिवेश के सार्थक विचारों,घटनाओं और चर्चाओं को यहाँ अपने लोगों तक पहुंचाने का मन रखते हैं.
इस प्रकार साझा ब्लोगों ने ब्लॉगजगत में अपनी एक पहचान कायम की है साथ ही सभी ब्लोगर्स को जुड़ने का मौका दिया है जो ये दर्शाता है कि हिंदी को प्रोत्साहित करने में हर इन्सान अपना सहयोग किसी भी रूप से दे सकता है .
13 टिप्पणियां:
Badee achhee jaankaaree mil gayee!
इतने सारे बढ़िया लिंक्स...चलिए वंदना जी लगते हैं ब्लॉग पढ़ाई में...
मिलजुल कर अब बढ़ जाना है।
अच्छी जानकारी समय निकलकर जरूर पढूंगा,...
"काव्यान्जलि":
नही सुरक्षित है अस्मत, घरके अंदर हो या बाहर
अब फ़रियाद करे किससे,अपनों को भक्षक पाकर,
बहुत मेहनत की है आपने इस पोस्ट में ।
हालाँकि सामूहिक ब्लोग्स को पाठक ज्यादा नहीं मिलते ।
सॉरी , हमें तो कोई औचित्य भी नज़र नहीं आता ।
बढ़िया जानकारी देती पोस्ट।
सादुवाद है आपको इस कार्य के लिए ...
बहुत बेहतरीन प्रस्तुति.........
आपकी रचना दिल में उतर गई है।
नारी के लिए मछली का तेल बहुत लाभकारी पाया गया है।
11 लाभ हमारे ब्लाग पर देखिए।
शुक्रिया वंदना जी...
उड़ान के लिए नया आसमां मिला....
सादर.
bahut upyogi jankari mili .... vandana ji bahut bahut abhar.Mere naye post pr apka amantran hai
bahut badiya sajhe links kee prastuti..aabhar!
बेहतरीन प्रस्तुति.....वंदना जी
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