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शनिवार, 7 अगस्त 2010

और हँसी मेरी लौटा जायें ....................

चलो अच्छा हुआ
हँसा दिया 
आज सुबह से
हँसी ही नहीं 
ना जाने कहाँ 
काफूर हो गयी थी  
किस कोने में 
दुबकी पड़ी थी
क्या करूँ 
हँसी आती ही नहीं
दिल के गहरे 
सन्नाटों में 
खो जाती 
पता नहीं कौन से
सन्नाटे हैं 
जो हँसी को बाहर 
आने ही नहीं देते
सन्नाटों का कारण 
क्या है, पता ही नहीं
बहुत ढूँढा ,मिला ही नहीं
तुम्हें मिले तो 
बता जाना 
ना मिले तब भी
कोशिश करना 
शायद कभी 
किसी चौराहे पर 
भीड़ के बीच
मिल जायें 
और हँसी मेरी
लौटा जायें...............

39 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

hahahahahahah .......isse behter aur kya doon meri hansi.

Aruna Kapoor ने कहा…

हंसी जीवन के लिए ऑक्सीजन का काम करती है!....आप की कविता प्रेरक है...सुंदर रचना!

समय चक्र ने कहा…

भीड़ के बीच
मिल जाए
और हंसी मेरी
लौटा जाये...

हमेशा की तरह बह्वापोर्ण रचना....बधाई.

kshama ने कहा…

Hansee kabhi na kabhi ham sabhi kho baithte hain! Laga jaise manki baat kah dee! Aur zindagee me hansne ke mauqe dhoondh lena,sach,bahut zaroori hai!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सचमुच हंसी का तो हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है । चलिए आपने सोचा तो सही ।
बस थोड़ी कोशिश करनी पड़ती है हंसने के लिए ।

Saleem Khan ने कहा…

great

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

abhi dopahar hi beeta hai, hame ummid hai aap sone tak jarur hass dengeee........:)

waise kahan se aisee soch aa jati hai, hame bhi batayen........:)

achchhi rachna......

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) ने कहा…

बहुत खूब वंदना जी हमेशा की तरह बहुत ही भाव पूर्ण रचना ,,,,
जीवन की आप धापी से दूर ,,,
इन अनगढ़ सन्नाटो से दूर ,,,
एक कल्पित लोक की कल्पना ,,,
एक मीठे अहसास की मानिद जो छाती है ,,,
वो तुमारी हंसी ही तो है ,,,
मै निस्तब्ध हूँ उसके खोने पर ,,,
और भयभीत भी सन्नाटो की पुनरावर्ती पर
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084

Renu Sharma ने कहा…

are !! aapaki hansi to shabdon main chhupi hai, kavita or kahani main chhupi hai,
kahan khoj rahin thin ?

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

चलो अच्छा हुआ
हँसा दिया
आज सुबह से
हँसी ही नहीं
ना जाने कहाँ
काफूर हो गयी थी
किस कोने में
दुबकी पड़ी थी
--

बहुत ही उपयोगी पोस्ट लगाई है आज तो!
--
हास्य का जीवन में बहुत महत्व है!
--
इसके लिए तो विधिवत् हास्यासन भी है!

shikha varshney ने कहा…

वाकई थोड़ी सी हंसी बहुत सारा गम भुला सकती है..बहुत सुन्दर.

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...............

अजय कुमार ने कहा…

हंसते हंसते कट जाये जिंदगी ,और क्या ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खोयी हंसी आ गयी न.....वैसे आज कल मिलती ही कहाँ है ..बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सही कहा आपने, शुभकामनाएं.

रामराम.

Udan Tashtari ने कहा…

चलिए, ऐसे मौके भी आजकल कम ही आते हैं..बढ़िया बात कही.

अरुणेश मिश्र ने कहा…

हँसी ऊर्जा है , जो प्रियता से सम्बध्द है ।
प्रशंसनीय रचना ।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आपकी हँसी लौटाने में सबको अपनी हँसी मिल जायेगी।

राजभाषा हिंदी ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

Ravi Kant Sharma ने कहा…

हंसी तो अन्दर की वस्तु है..
यदि बाहर आ जाती है...
तो गुम हो जाती है....
वास्तविकता यही है........
आप सभी की
हंसी ही तो
मेरी खुशी है..............

شہروز ने कहा…

निसंदेह हंसी तो ज़िंदगी के लिए आक्सीजन है.
समय हो तो अवश्य पढ़ें .ब्लॉग जगत में मची घमासान के विरुद्ध.
शमा-ए-हरम हो या दिया सोमनाथ का
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/2010/08/blog-post.html

राजेश उत्‍साही ने कहा…

लगता है वंदना जी आपने आईना नहीं देखा। कभी कभी खुद पर हंस लेना चाहिए। हंसी और खुशी दोनों सगी बहनें हैं और दोनों ही हमारे अंदर ही रहती हैं।
बहरहाल मुझे आपकी हंसी कल रात सफर में मिल गई थी,वह मेरे साथ भोपाल चली आई थी। उसे वापस आपके पास भेज रहा हूं। मिल जाए तो अगली पोस्‍ट में सूचित करना।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

बड़ी सुन्दर रचना. वंदना जी बधाई.

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

eak aur sunder rachna... bhavon ka adbhud sanayojan

राकेश जैन ने कहा…

sada muskurati rahen:)

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

vandna ji bahut hi sashakt aur preranadaayak rachana..bahut khuub..
poonam

abhi ने कहा…

behteen kavita...behad achhi lagi :)

arvind ने कहा…

प्रेरक ...सुंदर रचना!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !

Parul kanani ने कहा…

vandna..so beautifully u have written..well done! :)

suFiCat ने कहा…

kya khoob kahi hai mam ..beshak haste huwe lafz hai ..
thank's mam

suFiCat ने कहा…

kya khoob kahi hai mam ..beshak haste huwe lafz hai ..
thank's mam

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

apke blog ko pahli bar dekha..bahut he khoobsurat rachna

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

pahli bar apke blog ko dekha hai ..bahut he khoobsurat rachna

बेनामी ने कहा…

Bahut khoobsurat rachna....

Meri Nayi Kavita Padne Ke Liye Blog Par Swaagat hai aapka......

A Silent Silence : Ye Paisa..

Banned Area News : I'd rather be choosy: Zarine

रंजू भाटिया ने कहा…

यूँ ही हंसती रहे .बहुत बढ़िया लगी आपकी यह रचना शुक्रिया

निर्झर'नीर ने कहा…

muskraye to muskrane ke karj utarne honge .........
awaysome ,exceelent creation

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वैसे तो ये आपके दिल में ही रहता है ... हँसने का बहाना तो खोजना पढ़ता है .....
बहुत अच्छे ज़ज्बात है ....

vijay kumar sappatti ने कहा…

very expressive ..very daring attempt on not showing the emotions

great