पृष्ठ

अनुमति जरूरी है

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

बुधवार, 9 मार्च 2011

सफ़र जारी रहता है ...........

कभी कभी
दिल चाहता है
कोई हो ऐसा
जो गले लगा ले
अपने अंक में समा ले
हर गम को जो पी ले
मगर वो कोई
कभी किसी को
मिलता ही नहीं
जाने ऐसी चाहत
क्यूँ मचलती है

एक ख्वाब दिल में पलता है

कोई हो जिसके गले लगकर
हर गम भुलाया जा सके
कहीं रूह यूँ  ही
प्यासी ही ना रह जाए
फिर किसी जन्म में
कोई मिले ना मिले
मुलाकात  हो ना हो
उससे पहले इसी जन्म में
किसी के गले लगकर
अपनी हर उदासी
हर चाहत
हर आरजू
हर तमन्ना
पूरी कर ली जाए
दूसरे जन्म की
चाहत ही ना रहे
हर तमन्ना इसी जन्म में
पूरी हो जाएँ
मगर ऐसा कब हुआ है यहाँ
हर कोई तो प्यासा ही गया है
शायद किसी को भी
आसमां नहीं मिला है
जिसके सीने पर अपने
आँसू बहा दिए जाएँ
और वो सब अपने
विस्तृत आकाश में
हर गम समेट ले

एक अधूरी आरजू

एक अधूरी ज़िन्दगी
एक अधूरी तमन्ना
एक अधूरा ख्वाब
और जी लेते हैं हम
आधे अधूरे से
आधी अधूरी सी ज़िन्दगी
और चल देते हैं
अपनी अधूरी
आकांक्षाओं के साथ
दूसरे पड़ाव की ओर
एक चाहत में
कोई तो होगा
जो कभी तो मिलेगा............
सफ़र  जारी रहता है ...........

33 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत बढ़िया सन्देश देती हुई रचना!
--
हसीं सपनो की शहजादी किसे अच्छी नहीं लगती!
वतन की अपनी आजादी किसे अच्ची नहीं लगती!!

Shekhar Suman ने कहा…

बहुत ही खुबसूरत रचना..बधाई...:)

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

इन चाहतों का सफर जारी रहे :):) मिल गया तो आरज़ू ही खत्म हो जायेगी ...

abhi ने कहा…

तम्मानाएं....आरजू कैसी कैसी :)

POOJA... ने कहा…

वाकई, न चाहतें ख़त्म होतीं हैं और न ही उनका सफ़र...
और मंजिलों की उम्मीद तो हर चाहत को होती है...
बहुत प्यारी भावनाएं...

मनोज कुमार ने कहा…

सफ़र ज़ारी रहे यही सबसे बड़ी बात है।

deepti sharma ने कहा…

aapka safar yuhi chalta rahe
bhawpurn rachna .

रश्मि प्रभा... ने कहा…

pahle to kai baar mann karta hai ki koi gale se laga le, phir kabhi kabhi ... per sab vyast hain

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर कविता, सुन्दर संदेश।

बेनामी ने कहा…

वंदना जी,

बहुत सुन्दर पोस्ट.....वो कोई और नहीं हो सकता वो तो तुम में बसा खुदा ही हो सकता है......

सदा ने कहा…

वाह ..बहुत ही सुन्‍दर ।

arvind ने कहा…

बहुत बढ़िया सन्देश

सलीम खान ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

Rakesh Kumar ने कहा…

आपने भक्ति-रस में डुबोया तो आनन्द आया .अब ये विरह है या निराशा ?

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बेहतरीन कविता ... प्रेम के सफ़र में तमाम उतार चढाव की कविता ... बहुत डूब कर लिखी गई है यह...

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

बहुत सुन्दर ... कविता ... चाहत तो कबी पूरी न होगी... जितना मिलेगी उतनी प्यास बढेगी

डॉ टी एस दराल ने कहा…

इस अधूरी चाहत का नाम ही जिंदगी है ।

गौरव शर्मा "भारतीय" ने कहा…

वाह बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...और लाजवाब रचना !!

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

khubsurat rachna....

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

उत्कृष्ट भाव लिये एक सुंदर कविता के लिये बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता, धन्यवाद !!

चैन सिंह शेखावत ने कहा…

ना ये विरह है और ना ही निराशा..
मानव मात्र के मन में बसा सनातन अधूरापन है..
जो हमेशा हर किसी को सालता रहता है...

बहुत खूब..

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सच में कब पूरी होती हैं... इच्छाएं ... बहुत सुंदर रचना ...सही बात

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत ही खुबसूरत रचना. सफर जारी रहे, यही दुआ.

Rakesh Kumar ने कहा…

'गिलास आधा खाली है या आधा भरा हुआ' हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है .सकारात्मक सोचें तो 'जिंदगी एक सफर है सुहाना ..' या फिर 'मै जिंदगी का जश्न मनाता चला गया ,हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया ...'.जब चल ही रहें हैं तो मंजिल तक भी पहुचेंगे,बस चलना जरूरी है.आपकी मेल के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत ही सुन्दर वचन आपकी जितनी तारीफ करू उतनी कम है जी |
आप मेरे ब्लॉग पे भी देखिये जिन का लिंक में निचे दे रहा हु |
http://vangaydinesh.blogspot.com/

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत ही सुन्दर वचन आपकी जितनी तारीफ करू उतनी कम है जी |
आप मेरे ब्लॉग पे भी देखिये जिन का लिंक में निचे दे रहा हु |
http://vangaydinesh.blogspot.com/

Kunwar Kusumesh ने कहा…

वंदना जी, अभावों में ही ज़िन्दगी गतिमान रहती है.
एक फ़िल्मी गाना याद आ गया:-
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता.
कभी ज़मीं तो कभी आसमाँ नहीं मिलता.

ZEAL ने कहा…

Looking for a soul mate ?

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

dil ki kulbulati sochon ko sunder shabdon se sajaya hai.

koi to bahana chaahiye na agle janam ke liye.:)

mridula pradhan ने कहा…

haan sach men safar zari rahta hai....bahut achchi lagi.

M VERMA ने कहा…

सफ़र जारी रहता है ...........
यकीनन
सुन्दर सन्देश देती रचना और आशावादी दृष्टिकोण

Girish Kumar Billore ने कहा…

एक सम्पूर्ण अभिव्यक्ति
बधाई