प्रेम का अंजन
लगाओ
सखी री
मेरी आँखों में
प्रेम का अंजन
लगाओ सखी री
मुझे उनकी
पुजारिन
बनाओ सखी री
ये प्रेम की
तिरछी डगर
है सखी री
इस पर
चलना सिखाओ
सखी री
कभी तो
मोहन को
बुलाओ सखी री
उनकी चाहत की
पैंजनिया
पहनाओ सखी री
विरह में उनके
नचाओ सखी री
श्याम को कहीं
से ढूँढ लाओ
सखी री
मुरलिया की
धुन सुनवाओ
सखी री
मुझे श्याम की
मुरली बनाओ
सखी री
उनके अधरों
से मुझको
लगाओ सखी री
कैसे भी अब तो
मुझे श्याम की
प्रिया बनाओ
सखी री
मोहे
प्रेम का अंजन
लगाओ सखी री ............
47 टिप्पणियां:
बहुत बहुत बधाई, बहुत जच रहा है ये प्रेम का अंजन आज फिर बारिश की फुहारों के बीच
सखी मैं राधा हुई
सखी मैं मीरा हुई
अरज सुनो बनवारी।
आपको पर्व की बधाई ! इस पर अच्छी प्रस्तुति !
कृष्ण जन्माष्टमी पर यह भी खूब रही वंदना जी ! आपको जन्माष्टमी की शुभकामनाये !
बहुत सुंदर रचना, जन्माष्टमी की रामराम.
रामराम
बहुत सुंदर रचना, जन्माष्टमी की रामराम.
रामराम
जन्माष्टमी का उपहार है ये गीत.. आभार..
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
जय श्रीकृष्ण
क्या तरंग है, क्या उमंग है
मोरे अँग अँग रचा पी का रंग है.....
bahut khub ...janmashtmi ki shubhkaamnayein.....
badhiya anjan hai ji.
मैं तो इंतज़ार ही कर रही थी किसी ऐसी कविता की...आज जन्माष्टमी का दिन...और प्रेम में डूबी कोई कविता ना मिले...:)
इंतज़ार पूरा हुआ..एकदम प्रेम रस से विभोर कविता.
राधामय रचना... मोहन को समर्पित!! बहुत सुंदर!!!
बड़ी मोहक प्रस्तुति।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
"कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्!"
--
योगीराज श्री कृष्ण जी के जन्म दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
prem me doob kar likhi gai kavita... rom rom me rach bas gayee ye geetatmak kavita.. bahut badhiya
इसमें कुछ आध्यत्म दिख रहा है।
ठीक है कहा है रश्मि जी ने ... मीरा वाली बात।
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
इसमें कुछ आध्यत्म दिख रहा है।
ठीक है कहा है रश्मि जी ने ... मीरा वाली बात।
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
बढ़िया प्रस्तुति.
सुन्दर रचना,
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
Haan..aisi sakhi mil jaye ham sabhiko! Yahi dua kar sakti hun!
Aapke vichar to hamari prerna hain!
आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत सुंदर रचना !
बहुत अच्छी कविता।
हिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है।
Waah waah waaaaaaah
प्रेम रस में गहरे डूबी इस सुन्दर कविता के लिए बधाई स्वीकारें.
वंदना जी आपके शुभकामनाओं के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया !
यहाँ आपने जिस प्रकार जन्माष्टमी की छटा बिखेरी है, वो प्रशंशनीय है.
bahut achchhi prastuti..........janmashtami kii badhai
bahut badhiya kavita....आपको जन्माष्टमी की शुभकामनाये !
श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की बहुत-बहुत बधाई, ढेरों शुभकामनाएं!
ज्यों ज्यों डूबे श्याम रंग त्यों त्यों उज्जवल होय -गहन अभिव्यक्ति !
आज मीरा याद आ रही हैं:
सखी मोरी नींद नसानी हो।
बिन देख्या कल नाहिं परे चित ऐसी घनी हो।
अंतर्वेदन विरह की वह पीर न जानी हो।
मीरा व्याकुल विरहनी सुध बुध बिसरानी हो।
बहुत बहुत बधाई !
वाह ...वाह ....क्या बात है वंदना जी ....ऐसा लगता है जैसे ये किसी गोपी के ह्रदय की गूँज है..... जो प्रेम में मतवाला हो गया है |
Very nice blog
vndna ji
prem rs me pgi bhut hi sundar bhavabhivykti .bdhai .
manmohak rachna! bahut sundar!
wah>>>>>>>>>>>>>>>>>>bahut khoob.
बहुत सुन्दर वंदना जी। जनमाष्टमी के अवसर पर बहुत सुन्दर रचना की है बधाई।
vaah, sundar bhav-abhivyakti...sachche pyaar mey doobee hui. badhai.
बहुत सुंदर रचना, जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये,प्रेम रस से विभोर कविता.
Very nice blog
आपका ब्लाग अच्छा लगा .ग्राम चौपाल मे आने के लिए धन्यवाद .आगे भी मिलते रहेंगें
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिये।
bahut sundar geet hai ji
lagtaa hai radha ke udgaaron ko shabd mil gaye hon
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