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बुधवार, 20 जून 2012

तुम्हारी पहली मौसमी आहट


जानते हो 

एक अरसा हुआ 

तुम्हारे आने की

आहट सुने 

यूँ तो पदचाप 

पहचानती हूँ मैं

बिना सुने भी 

जान जाती हूँ मैं 

मगर मेरी मोहब्बत

कब पदचापों की मोहताज हुई

जब तुम सोचते हो ना

आने की 

मिलने की

मेरे मन में जवाकुसुम खिल जाता है 

जान जाती हूँ 

आ रहा है सावन झूम के

मगर अब तो एक अरसा हो गया

क्या वहाँ अब तक 

सूखा पड़ा है

मेघों ने घनघोर गर्जन किया ही नहीं

या ऋतु ने श्रृंगार किया ही नहीं 

जो तुम्हारा मौसम अब तक 

बदला ही नहीं 

या मेरे प्रेम की बदली ने 

रिमझिम बूँदें बरसाई ही नहीं

तुम्हें प्रेम मदिरा में भिगोया ही नहीं 

या तुम्हारे मन के कोमल तारों पर

प्रेम धुन बजी ही नहीं 

किसी ने वीणा का तार छेड़ा ही नहीं

किसी उन्मुक्त कोयल ने 

प्रेम राग सुनाया ही नहीं

कहो तो ज़रा

कौन सा लकवा मारा है 

कैसे हमारे प्रेम को अधरंग हुआ है

क्यूँ तुमने उसे पंगु किया है

हे ..........ऐसी तो ना थी हमारी मोहब्बत

कभी ऋतुओं की मोहताज़ ना हुई

कभी इसे सावन की आस ना हुई

फिर क्या हुआ है 

जो इतना अरसा बीत गया 

मोहब्बत को बंजारन बने 

जानते हो ना ...........

मेरे लिए सावन की पहली आहट हो तुम

मौसम की रिमझिम कर गिरती

पहली फुहार हो तुम

मेरी ज़िन्दगी का 

मेघ मल्हार हो तुम 

तपते रेगिस्तान में गिरती

शीतल फुहार हो तुम 

जानते हो ना...........

मेरे लिए तो सावन की पहली बूँद 

उसी दिन बरसेगी 

और मेरे तपते ह्रदय को शीतल करेगी

वो ही होगी 

मेरी पहली मोहब्बत की दस्तक

तुम्हारी पहली मौसमी आहट

जिस दिन तुम 

मेरी प्रीत बंजारन की मांग अपनी मोहब्बत के लबों से भरोगे ...........

35 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

वाह ... बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ...आभार

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

प्रेम से सराबोर आपकी रचना कोई पढ़ बस ले......खिंचा चला आएगा ....
:-)
अनु

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

जब आहात मिले तभी मौसम सुहाना हो जाये या यूं कहो कि सावन आ जाए ... बहुत सुंदर भाव

कुमार राधारमण ने कहा…

जब ज्यादा वक्त हो जाए,तो सतर्क हो जाना चाहिए।

shikha varshney ने कहा…

जब वो मिले तभी सावन ..बहुत खूब.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सावन की उस बूँद का इंतज़ार ही प्रेम का आगमन है ...

Unknown ने कहा…

बेहद सुन्दर और भाव से ओतप्रोत प्रस्तुति की है आपने बधाई

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

मन के भावों का सुंदर संम्प्रेषण,,,,

MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जल ही जीवन है!
बहुत सुन्दर भावप्रणव रचना!
इसको साझा करने के लिए आभार!

pran sharma ने कहा…

WAH , KYA BAAT HAI ` TUMHAAREE
PAHLEE MAUSAMEE AAHAT ` KEE !

virendra sharma ने कहा…

श्रृंगार और वियोग दोनों का आलोडन है इस रचना में .बढ़िया प्रस्तुति बढिया बिम्ब और शब्द प्रयोग मोहब्बत के लबों पे ..... जो तेरा नाम आये ...हर सिम्त से पैगाम आएं .

Neelkamal Vaishnaw ने कहा…

वाह, बहुत ही सुन्दर
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको और सभी को मौसम कि इस पहली बहार की...

संध्या शर्मा ने कहा…

जानते हो ना ...........
मेरे लिए सावन की पहली आहट हो तुम
मौसम की रिमझिम कर गिरती
पहली फुहार हो तुम
मेरी ज़िन्दगी का
मेघ मल्हार हो तुम
तपते रेगिस्तान में गिरती
शीतल फुहार हो तुम
जानते हो ना...........

शीतल फुहार जो सावन की भी मोहताज नहीं जब आहट हो तभी घिर जाएँ बदरा बरस जाएँ बूंदे... बहुत सुन्दर रचना

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति..

kshama ने कहा…

Aaha! Kitni madhur aur bhavuk rachana hai!

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत सुंदर शब्द विन्यास!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 21 -06-2012 को यहाँ भी है

.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... कुछ जाने पहचाने तो कुछ नए चेहरे .

एस एम् मासूम ने कहा…

हम पर तो मौसम मेहरबान है | यह भीगा भीगा मौसम और इतनी सुदर कविता | मज़ा आ गया

Shah Nawaz ने कहा…

सुन्दर भाव!

Saras ने कहा…

वाह ...बहुत सुन्दर !

lori ने कहा…

waah!

poonam ने कहा…

ati sunder

रश्मि प्रभा... ने कहा…

प्रेम और आहट .... प्रस्फुटित मन

अनुपमा पाठक ने कहा…

बेहद सुन्दर!

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रेममयी
कोमल अहसास से भरी
बेहतरीन रचना...
:-)

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रेमपगी अभिव्यक्ति...

Asha Joglekar ने कहा…

प्रेम रस में डूबी रचना विरहिणि की आकुल मनुहार ।

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

बहुत खूबसूरती से पेश की गई रचना ..

Rakesh Kumar ने कहा…

आपके मन के आँगन में
भावों की खूबसूरत बरसात
होती रहती है,जिसकी रिमझिम फुहारों से
आपकी यह पोस्ट भी तरबतर हो
रही है.

Shanti Garg ने कहा…

बहुत बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

prem ras me dubi bahut hi sundar rachna ..........

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर प्रेमपगी पंक्तियाँ....

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 24/06/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Anupama Tripathi ने कहा…

वाह मीठी मीठी सी आहट ....

lori ने कहा…

बहुत प्यारी पोस्ट!
"प्रीत बंजारन की मांग का प्रेमी के लबों से भरा जाना
कितना कोमल अहसास है! जैसे कोई कह रहा हो :
" गुनगुनाती हुई आती हैं फलक से बूंदे
कोई बदली तेरी पाज़ेब से टकराई हो गोयाँ"