आज राधा बनी है श्याम
नाचें कैसे नन्दकुमार
पैरों मे पहने कैसे पायलिया
छम छम नाचें देखो कैसे सांवरिया
मुरली पे छेडी कैसी तान
नाचें कैसे नन्दकुमार
आज राधा ...................
लहंगा चोली कैसे पहने सुकुमार
लाला से बने लली कैसे नन्दलाल
सिर पर ओढ़ी है चूनर लाल
नाचें कैसे नंदकुमार
आज राधा.................
मोहिनी मूरत रही कैसे लुभाय
मधुर चितवन ने दियो होश गंवाय
माथे पर बिंदी ने कियो है कमाल
नाचें कैसे नंदकुमार
आज राधा बनी है श्याम
नाचें कैसे नन्दकुमार
मेरो तन मन लियो है वार
नाचें कैसे नंदकुमार
मेरो जियो लियो है चुराय
नाचें कैसे नंदकुमार
जिसकी ठोढ़ी पे चमके हीरा लाल
नाचें कैसे नंदकुमार
आज वृषभान लली बनी श्याम
नाचें कैसे नंदकुमार
आज राधा बनी है श्याम
नाचें कैसे नन्दकुमार
37 टिप्पणियां:
वाह ...बहुत ही बढि़या ..।
vandana ji bahut hi sunder geet.
Man bhi radhe radhe ho gaya.
अलग ही अंदाज सुन्दर गीत वन्दना जी।
vandnaajee bahut khoobsoorat likhtee hein aap,bhagwaan ishwar aapko bahut oochaayiaan de ,aap kee kalam din raat nikhartee rahe
वंदना जी ... आज आपने याद दिला दी कृष्ण लीला... उम्दा वाह ..आज राधा बनी श्याम ..सुन्दर कविता
आपकी अनुपम प्रस्तुति ने तो दिल चुरा लिया है वंदना जी.प्रेम के रंग में रंग दिया है आपने.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
राधा मय होते श्याम ..सुन्दर गीत
आपकी मधुर भक्तिमय भोलीभाली सी आवाज
में सुनकर तो मन आनंद के सागर में गोते लगा रहा है.
सुनवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,वंदना जी.
very nice vandana ji.
मधुर भक्तिमय गीत...
पढ़ कर और सुनकर बहुत अच्छा लगा।
सादर
सुन्दर गीत
हमें भी थिरका दिया..
राधामय जगत..
bahut manmohak bhaktimay prastuti.
vandana ji aaj RADHA AUR SHYAM se sambandhit aapka shirshak dekh kar apne ko rok nahin paya aur madhur bhakti rachna ko padh aur sunkar bhav vibhor ho gaya , anand hi anand.
यह कृष्णमय पोस्ट पढ़ कर मन-मयूर नाच उठा।
बहुत सुन्दर और सुमधुर गीत!
वाह .. बहुत खूब !!
surmayee geet....
खूबसूरत लीला है सब कुछ राधा और कृष्णमय ही तो है
बहुत ही सुन्दर शब्द भाव और रचना....
आज राधा बनी है श्याम
नाचें कैसे नंदकुमार।
राधा और श्याम की लीला अपरम्पार है।
मोहक छवि जीवंत करती सुंदर कविता।
वाह सुन्दर कल्पना को धब्द दिए अहिं आपने ... आज राधा बनी है श्याम ...
“कब राधा औ श्याम हैं, अलग अलग दो अंग
इन सा संगम औ कहाँ, जैसे जमुना गंग”.
बहुत सुन्दर रचना....
आपको सपरिवार दीप पर्व की सादर बधाईयां....
बहुत हि सुन्दर एवं भावनात्मक !
दीवाली कि हार्दिक शुभकामनायें!
आपकी कविता सटीक लगती है। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं!!
राधे, कृष्ण की लीला का क्या कहना ....इसे सुंदर शब्दों में पिरोया आपने .....
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
राधा ही श्याम नहीं बनी,श्याम ने भी महिला का वेष धारण कर मिलने का उपक्रम किया है। विद्यापति ने इस विषय पर कुछ बहुत सुंदर गीत लिखे हैं।
सुन्दर गीत... सुरीली आवाज़... बहुत सुन्दर... अप्रतिम...
HRIDAYSPARSHEE GEET .
अति सुन्दर...
आपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल से शुभकामनाएं
MADHUR VAANI
MITRA-MADHUR
BINDAAS_BAATEN
भावों से लबरेज़.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
लाजवाब प्रस्तुति
आपको व आपके परिवार को दीपावली कि ढेरों शुभकामनायें
bhaut khubsurat... happy diwali...
rangin radha ji ke chitra or sundar kavita..
bahut hi behtarin post hai..
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