सात जन्मों तक के लिए
तुम्हारा साथ मांगने वाली मैं
तुम्हारे लिए करवा चौथ का
व्रत रखने वाली मैं
तुम्हारे नाम का सिन्दूर मांग में
सजाने वाली मैं
तुम्हारी चाहत की मेहंदी
हाथों में लगाने वाली मैं
तुम्हारे नाम का मंगलसूत्र
गले में पहनने वाली मैं
तुम्हारी लम्बी उम्र की कामना
करने वाली मैं
तुम्हारे प्रेम की बिंदिया
माथे पर सजाने वाली मैं
आज नहीं चाहती
सात जन्मों तक का साथ
नहीं करना चाहती ऐसा श्रृंगार
जिसमे सिर्फ दिखावे की बू आती हो
नहीं हो जिसमे ह्रदयों का मिलन
आडम्बर के आवरण में
नहीं छिपाना चाहती
रिश्ते की गरिमा को
नहीं चाहती मैं भी
भीड़ में शामिल हो जाऊँ
और रिश्ते को सिर्फ
आडम्बर की भेंट चढ़ा
दिखावटी दुनिया के दिखावटी
साजो सामान का
वो हिस्सा बन जाऊँ
जिसमे रिश्ते की ऊष्मा
रिश्ते की गरिमा
सिर्फ एक ढकोसला भर
बन कर रह जाये
आज बाजारवाद ने
रिश्ते को भी तो बाजारू
सा नहीं बना दिया
सिर्फ एक दूसरे से सुन्दर
दिखने की होड़
एक दूसरे से ज्यादा समर्पित
और चाहने वाले पति
का विज्ञापन सा नहीं लगता
नहीं करना चाहती
कोई होड़ किसी से
नहीं करना चाहती
वो सब जो सब करते हैं
जानते हो मैं क्या चाहती हूँ
सिर्फ इतना
इस करवा चौथ
सिर्फ इसी जन्म के लिए
पहनूं तो सिर्फ तुम्हारी चाहत का मंगलसूत्र
मांग सजाऊं तो सिर्फ तुम्हारी मोहब्बत के
उन छोटे छोटे मोतियों से
जिसमे तुम मन से शामिल हो
दिखावटी साजो- समान बनकर नहीं
हाथ पर मेहंदी की जगह
मेरे दिल पर छाप हो तुम्हारे प्रेम की
कभी ना मिटने वाली
ऐसा रंग चढ़े जो कभी
फीका ही ना पड़े
और देखना चाहती हूँ
उस चाँद को
जो तुम्हारी आँखों में हो
जो तुम्हारी आँखों से
मेरे अंतस तक उतरे
और तब मैं अपना व्रत पूर्ण करूँ
उस चाँद में अपना प्रतिबिम्ब देखते हुए
जहाँ चाहत किसी लिबास में ढकी ना हो
जहाँ मोहब्बत को किसी जन्म की आस ना हो
जहाँ प्रेम शो केस में लगा पीस बनकर ना रह जाये
ये तुम्हारा और मेरा
नितांत निजी क्षण
सिर्फ और सिर्फ
हम दोनों के मध्य
शरद के चाँद सा अपनी
सोलह कलाओं के साथ
उम्र भर दमकता रहे
और सात जन्मों की कामना
एक जन्म में ही पूर्ण हो जाए
सात जन्म एक जन्म में ही जी जाएँ
और हमारी मोहब्बत का सुहाग अमर हो जाये .............
29 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर गीत वन्दना जी।
हमारी मोहब्बत का सुहाग अमर हो जाये ... वाह बहुत खूब ...करवा चौथ की शुभकामनाएं ...
aaj to aapne ekdam gazab ki kavita likhi hai.......dikhawati samaj ka chittha bhi sachchayee ke sath khol diya.....wah.
पहनूं तो सिर्फ तुम्हारी चाहत का मंगलसूत्र मांग सजाऊं तो सिर्फ तुम्हारी मोहब्बत के
उन छोटे छोटे मोतियों से
जिसमे तुम मन से शामिल हो
दिखावटी साजो- समान बनकर नहीं हाथ पर मेहंदी की जगह मेरे दिल पर छाप हो तुम्हारे प्रेम की कभी ना मिटने वाली
ऐसा रंग चढ़े जो
कभी फीका ही ना पड़े...
बहुत सुन्दर कामना, हर सुहागन के दिल की आवाज़... करवा चौथ की शुभकामनायें....
शुभकामनायें।
agree with your feeling.thanks.
Bahut sundar,bhaav poorn rachana!
सही कहा , आजकल हर बात में दिखावा हो गया है ।
पति पत्नी में प्रेम आवश्यक है ।
उसमे दिखावे की ज़रुरत नहीं होती ।
bahut sundar vandana ji ..karvachoth ki shubhkamnayen
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
शुभ-कामनाएं ||
गज़ब...आज के दिन का पूर्ण उपयोग किया आपने:).
शानदार प्रस्तुति.
बहुत खूब वंदना जी ईश्वर करे इस शुभ अवसर पर हर साचे प्यार करने वालों की मोहब्बत का सुहाग अमर जो जाये करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनायें ...
अलग ही अंदाज की अभिव्यक्ति...
सुन्दर पर्व की सादर शुभकामनाएं....
सादर...
खूबसूरत भाव
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
मन का संजने-संवरने और आडम्बर से अनिवार्य विरोध नहीं है। ये चीज़ें भी मन को प्रेम से जोड़ने में सहायक हैं।
Kaya kahu mai to pgal ho jaugan aap likhta hi etna sundar h ki aapka likha huya ak-ak shabad kuch n kuch sandesh deta h.
बहुत खूब....
सधी भाषा...
स्पष्ट भाव....
बेहतरीन प्रस्तुति.....!!
मैं भी अक्सर यही कहती हूँ कि यह जन्म एक दूसरे के साथ अच्छी तरह बीते , जीवन भर साथ निभाए , करवा चौथ का सार यही है , मात्र साज श्रृंगार नहीं !
अच्छी कविता !
खरी कहरी बातें सूना दी आपने कविता में. सुंदर और अच्छी प्रस्तुति.
bahut sundar !!
परंपरा के नाम पर दिखावा सिर्फ एक नाटक सा लगता है।
कविता के माध्यम से आपने बहुत सुंदर कामना की है।
प्रेमरस से सराबोर रचना ...
करवा चौथ पर हार्दिक शुभकामनाएं
itnani sundar rachana padne ka moka dene ke liye aapka dhanyawad .....
तथास्तु।
बहुत खूबसूरत पोस्ट हमेशा की तरह :-)
आमीन ... बहुत ही लाजवाब कामना है ...
बहुत बेहतरीन भावात्मक कविता
बहुत बेहतरीन भावात्मक कविता
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