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मंगलवार, 28 जून 2011

इतनी जल्दी क्या थी

देखो आज
मुझे जरूरत थी
मगर तुम नहीं हो
ऐसा क्यूँ होता है
हमेशा .............
कभी तो सुन सको मेरे दिल की जुबान
कभी तो बांध सको रेत को मुट्ठी में
कभी तो लगा दो गांठ चुनरी में
कभी तो फाँस बिना चुभे भी निकाल दो
देखो आज तुम्हारी ...........
तुम्हारे बिन
कुम्हला गयी है
देखो कहीं ऐसा ना हो
जब तुम आओ
और देर हो जाये
तुम्हारी ........
ज़िन्दगी की धड़कन सो जाये
और तुम कहो
जानां  ...........इतनी जल्दी क्या थी जाने की
मैं आ तो रहा था ..............

24 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

जिन्‍दगी की धड़कन सो जाये

और तुम कहो ....


बहुत ही गहराई लिये हुये प्रत्‍येक शब्‍द ...।

Unknown ने कहा…

Shabdon ki lahren dubati hain,sundar rachana

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

दिल से निकली रचना ...यहाँ भी दोष दूसरे पर ही की जल्दी क्या थी :):)

mridula pradhan ने कहा…

itna sunder upalambh......kya baat hai.

Maheshwari kaneri ने कहा…

गहरी अनुभूति लिए सुन्दर रचना....

मनोज कुमार ने कहा…

देर न हो जाए कहीं ...

Dr Varsha Singh ने कहा…

बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना ! हार्दिक शुभकामनायें !

Urmi ने कहा…

सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बेहतरीन
-----------------
कल 29/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है-
आपके विचारों का स्वागत है .
धन्यवाद
नयी-पुरानी हलचल

Saleem Khan ने कहा…

uf khudaya, great rachna !

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) ने कहा…

sach me kahin der na ho jaye.....

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

जानां ...........इतनी जल्दी क्या थी जाने की
मैं आ तो रहा था ..............
baut khoob...aabhar

Shekhar Suman ने कहा…

मैं पागल था जो सपने सजा रहा था, लेकिन उसे तो जाने की जल्दी थी....:-/

arvind ने कहा…

gaharee soch...dil se nikalee hui aawaaj

shikha varshney ने कहा…

दिल से निकली सुन्दर रचना.

संध्या शर्मा ने कहा…

और तुम कहो
इतनी जल्दी क्या थी जाने की
मैं आ तो रहा था ..............
गहरी अनुभूति........बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना

Mukesh ने कहा…

बहुत ही अनुभूतिपरक कविता...........
हृदय के स्तर तक.....

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत गहरी सोच...गहरे विचार...गहरी रचना...

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना

बेनामी ने कहा…

aabhar vandnaji

Nidhi ने कहा…

आने में कहीं देर न हो जाए...कितनी सुंदरता से आपने इस बात को शब्दों में बाँध कर कविता का रूप दे दिया

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

कमाल के भाव लिए पंक्तियाँ .....गहन अभिव्यक्ति लिए रचना

रचना दीक्षित ने कहा…

देर ना हो जाये कहीं देर ना हो जाये.

सुंदर भाव की कविता.

सुनीता शानू ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव हैं वन्दना जी। बधाई...