सुनो
यूँ आवाज़ ना दिया करो
दिल की बढती धड़कन
आँखों की शोखियाँ
कपोलों पर उभरती
हया की लाली
कंपकंपाते अधर
तेरे प्यार की
चुगली कर जाते हैं
कभी ख्वाब तेरे
रातों में जगा जाते हैं
और चंदा की बेबसी से
सामना करा जाते हैं
तारे गिनते- गिनते
कटती तनहा रात
भोर की लाली से
सहम- सहम जाती है
मद्धम मद्धम बहती बयार
तेरी साँसों की
सरगोशियाँ कर जाती है
तेरी इक आवाज़ पर
मोहब्बत का हर रंग
बसंत सा खिल जाता है
बता अब कैसे
मुट्ठी में क़ैद करूँ
इस बिखरती खुशबू को
बस तुम
यूँ आवाज़ ना दिया करो
31 टिप्पणियां:
सुनो
यूँ आवाज़ ना दिया करो
दिल की बढती धड़कन
आँखों की शोखियाँ
कपोलों पर उभरती
हया की लाली
कंपकंपाते अधर
तेरे प्यार की
चुगली कर जाते हैं
आवाज दे कोई या न दे फिर भी चुगली से कब तक बचेगा कोई.
कितना करीबी रचना है एहसास और भाव के शिखर को छूती हुई
tumhe aavaj de kr mil gya dil ko skoon
tum ne suna ta n suna
ya sun kr bhi ansuna kr diya
pr aavaj hi to hoon mai
jo phunch gya shbd ke madhym se tumhare pass
aur mil gya ek skoon shbd ke sprsh se
ved vyathit
बहुत सुन्दर, प्रेम के सुन्दर भाव समेटे अच्छी रचना !
Oh Vandna! Kitna sundar likhti ho..jis kisine jeevan me pyar kiya hoga,inheen ahsaason se guzari hogi!
waah ishq ha har ehsaas lihk diya mam...bahut sundar jajbaat liye rachna
yun n likha karo
dil kee dhakanon ko yun n badhaya karo....
वाह...कितनी खूबसूरती से उतारे हैं ये कोमल से एहसास.....बहुत सुन्दर...
सुनो
यूँ आवाज़ ना दिया करो
बहुत सुन्दर, प्रेम के सुन्दर भाव समेटे अच्छी
bahut sundar...
yu awaj na diya karo..
मुट्ठी में क़ैद करूँ
इस बिखरती खुशबू को
बस तुम
यूँ आवाज़ ना दिया करो ....vaah dil ko chu lenevaali sundar rachna.
एहसास और प्रेम समेटे ,,,,बहुत सुन्दर रचना !!!
Bahut sunder rachna.
बहुत सुंदर ...एहसासों से परिपूर्ण ..... शानदार कविता.....
बहुत सुन्दर! आनन्द आ गया.
तेरी इक आवाज़ पर
मोहब्बत का हर रंग
बसंत सा खिल जाता है
बता अब कैसे
मुट्ठी में क़ैद करूँ
इस बिखरती खुशबू को
बस तुम
यूँ आवाज़ ना दिया करो
मनोभावों का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है आपने इस रचना में!
बहुत सुन्दर, प्रेम के सुन्दर भाव
badhai aap ko is ke liye
आपकी पोस्ट ...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर मंगलवार १.०६.२०१० के लिए ली गयी है ..
http://charchamanch.blogspot.com/
बहुत सुन्दर, प्रेम के सुन्दर भाव समेटे अच्छी
सच मच आसान नही है किसी की खुश्बू और यादों को क़ैद करना ... उसे तो महसूस ही किया जा सकता है ... अच्छी रचना ...
achhi rachna ke liye badhai...
komal ahsason ko khubsurat shabd diye hain aapne vandna ji ! shubhkamnaye
आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
आचार्य जी
Yun awaj na diya karo........:)
romantic rachna.....
dil ko chhune walee......
bahut khubsurat!!
hamara blog aapka wait kar raha hai:)
आपका आना और सराहना अच्छा लगा . उम्मीद है आप आगे भी आकर हौसला बढाती रहेंगी . एक रचना आपकी खिदमत में पेश है .
एक किरदारे-बेकसी है मां
ज़िन्दगी भर मगर हंसी है मां
दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है मां
अपने बच्चों की ज़िन्दगी है मां
ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की
सोच फिर कितनी क़ीमती है मां
इसकी क़ीमत वही बताएगा
दोस्तो ! जिसकी मर गई है मां
रात आए तो ऐसा लगता है
चांद से जैसे झांकती है मां
सारे बच्चों से मां नहीं पलती
सारे बच्चों को पालती है मां
कौन अहसां तेरा उतारेगा
एक दिन तेरा एक सदी है मां
आओ ‘क़ासिम‘ मेरा क़लम चूमो
इन दिनों मेरी शायरी है मां
http://vedquran.blogspot.com/2010/05/mother.html
नाज़ुक रूमान
यूँ आवाज़ ना दिया करो
दिल की बढती धड़कन
आँखों की शोखियाँ .............
बहुत सुन्दर,
www.sometimesinmyheart.blogspot.com
आईये जाने .... प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !
आचार्य जी
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! बेहद पसंद आया!
bahut khubsurat.
bahut khubsurat.
bahut khubsurat.
एक टिप्पणी भेजें