...और जहां मौन भी नजरों में मुखर हो जाए !वाह ,
एक गहरे अहसास की बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति!वाह!
...bahut sundar ... behatreen !!!
वाह!क्या बात है जी,असम्भव में सम्भावनाये तलाशती आपकी ये रचना जो सफल भी हो रही है!कुंवर जी,
वाह,बहुत सुंदर भावाअभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
अश्क बहें भी और नज़र भी ना आयेंkitni badi baat kah di aapne......bahut khubsurat........:)kabhi hamare jindagi ke kainvess ko dekhenwww.jindagikeerahen.blogspot.com
bahut khoob likha hai
waah kya baat kahi hai...
और जहाँ मौन भीनज़रों में मुखर हो जायेमौन जब मुखरित होगा, शब्द और स्वर ठिठके खड़े रहेंगे
बहुत सुन्दर रचना........
मज़ा तब है जबअश्क बहें भी और नज़र भी ना आयेंएक गहरे अहसास की बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति!बहुत सुंदर
ati sunder.
जहाँ मौन भीनज़रों में मुखर हो जाये बहुत सुन्दर...........
वाह....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
waah vandna ji bhut khub behtreen rachna मज़ा तब है जबअश्क बहें भी और नज़र भी ना आयेंsadar praveen pathik 9971969084
बहुत ही सुन्दर ! अश्क बहें भी औरनज़र भी ना आयेंऔर जहाँ मौन भीनज़रों में मुखर हो जाये बहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति !
वाह ... क्या बात है.. अश्क बहे पर नज़र न आएँ ...
naye dhang se baat kahi hai ... bhav bhi abhinav ...."wah"
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19 टिप्पणियां:
...और जहां मौन भी
नजरों में मुखर हो जाए !
वाह ,
एक गहरे अहसास की बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति!वाह!
...bahut sundar ... behatreen !!!
वाह!क्या बात है जी,
असम्भव में सम्भावनाये तलाशती आपकी ये रचना जो सफल भी हो रही है!
कुंवर जी,
वाह,बहुत सुंदर भावाअभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
अश्क बहें भी और
नज़र भी ना आयें
kitni badi baat kah di aapne......bahut khubsurat........:)
kabhi hamare jindagi ke kainvess ko dekhen
www.jindagikeerahen.blogspot.com
bahut khoob likha hai
waah kya baat kahi hai...
और जहाँ मौन भी
नज़रों में मुखर हो जाये
मौन जब मुखरित होगा, शब्द और स्वर ठिठके खड़े रहेंगे
बहुत सुन्दर रचना........
मज़ा तब है जब
अश्क बहें भी और
नज़र भी ना आयें
एक गहरे अहसास की बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति!बहुत सुंदर
ati sunder.
जहाँ मौन भी
नज़रों में मुखर हो जाये
बहुत सुन्दर...........
वाह....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
waah vandna ji bhut khub behtreen rachna
मज़ा तब है जब
अश्क बहें भी और
नज़र भी ना आयें
sadar
praveen pathik
9971969084
बहुत ही सुन्दर !
अश्क बहें भी और
नज़र भी ना आयें
और जहाँ मौन भी
नज़रों में मुखर हो जाये
बहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति !
वाह ... क्या बात है.. अश्क बहे पर नज़र न आएँ ...
naye dhang se baat kahi hai ... bhav bhi abhinav ...."wah"
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