मुझे आइना दिखाने वाले
मुझे मुझसे मिलाने वाले
कल तक तुझे था इंतज़ार
आज तुम बन गए हो मेरा प्यार
मेरे इस जनम को सजाने वाले
कल तक थे तुम अजनबी
आज तुम बन गए हो हमराही
मेरी रूह की प्यास बुझाने वाले
मेरी जन्मों की थकन मिटाने वाले
मेरी खामोशी को जुबान देने वाले
मेरे दर्द को भी पी जाने वाले
कल तक तुझे था प्यार
आज मेरी जुबान पर है
बस तेरा नाम , तेरा नाम, तेरा नाम .......................
11 टिप्पणियां:
BAHUT SUNDAR..ACHHEE RACHNA....
वन्दना जी।
आपने पोस्ट के अक्षरों का रंग नीला किया हुआ है। बड़ी कठिनाई से पढ़ पाया हूँ। कृपया इनका रंग सफेद या लाइट ही रखा करें।
मुश्किल से मिलता है, कोई अपना जीवन मे।
देना मत सन्ताप कभी, उसको अपनेपन में।।
जिसने दर्पण दिखला करके,
तुमको-तुम से मिला दिया है ।
प्यार उसे जीवन भर करना,
जिसने गुलशन खिला दिया है।।
मुश्किल से मिलता है, कोई अपना जीवन मे।
देना मत सन्ताप कभी, उसको अपनेपन में।।
जिसने दर्पण दिखला करके,
तुमको-तुम से मिला दिया है ।
प्यार उसे जीवन भर करना,
जिसने गुलशन खिला दिया है।।
sach kahaa hai aapne...
arsh
बहुत बहुत बधाई ये नाम उम्र भर जुबां पर रहे और कलम से लिखती रहें
जीवन साथी पर लिखी गई कविता यथार्थ को छू गई.
आपका प्रेम जनम जनम तक बना रहे.
- विजय
बढ़िया है..जरा फॉन्ट का कलर बदल लें..सफेद भी अच्छा लगेगा..पढ़ने में सुविधा होगी. मात्र एक निवेदन है.
meri rooh ki pyaas mitane wale
meri janmon ki thakan mitane wale.'
wah vandana ji, gahri baat hai. dil ko chhooti hai. badhai.
bahut sundar aur gahri rachana
badhai sweekar karen
वाह.प्यार की मधुर अभिव्यक्ति है ये रचना..........कोमल भावनाओं से सजी......लाजवाब
bas pyar ho jaata hai to ikarar kar liya karo,
pyar ke naazuk lamhonke fasane hoth par sajakar jiya karo ...
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