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शनिवार, 2 मई 2009

ऐसा भी होता है

खुश्क आँखें भी रोया करती हैं
पत्थर भी सदाएं देते हैं
ठहरे हुए हर लम्हे की
खामोशी भी पुकारा करती है

खुशियाँ भी रोया करती हैं
गम भी हंसा करते हैं
चलती हुई ज़िन्दगी का
वक्त भी रुका करता है


रूहें भी रोया करती हैं
ज़ख्म भी हंसाया करते हैं
दफ़न होने के बाद भी ,रूहें
ज़िन्दगी को बुलाया करती हैं.

20 टिप्‍पणियां:

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

sach kaha , aisa bhi hota hai,ji han vandana ji aisa bhi hota hai.

bahut sunder bhav.badhai.

"अर्श" ने कहा…

sundar rachana... badhaayee...


arsh

Vinay ने कहा…

ख़ूबसूरत कविता

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अनिल कान्त ने कहा…

haan hota to hai aisa ....

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

' ऐसा भी होता है " के तीनों बिम्ब सुन्दर बन पड़े हैं .
-विजय

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जब जख्म हँसाया करते हैं,
और रूहे रोया करतीं है।
पत्थर देतें हैं आवाजें,
जिन्दगी बुलाया करती है।।
जब एक पहर आता होगा।
तब वक्त ठहर जाता होगा।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

रूह रोती है,गम हंसते हैं......ऐसा भी होता है!
बहुत अच्छी रचना.....

Pratik Ghosh ने कहा…

बहुत अच्चे!

Alpana Verma ने कहा…

akhiri panktiyan prabhaavshali hain.
achchee rachna hai.badhaayee.

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

बहुत अच्छी रचना.....

VINAY PANDEY ने कहा…

khubsurat rachana hai

VINAY PANDEY ने कहा…

sunder rachana hai

admin ने कहा…

हम जैसे होते हैं, दुनिया को भी उसी नजर से देखते हैं। आपने अपनी संवेदनाएं सारे संसार में सजा दी हैं।

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SBAI TSALIIM

Sajal Ehsaas ने कहा…

chaliye likhna badastoor jaari hai...aur achha hai bahut...khaaskar ending bahut achhi hai

www.pyasasajal.blogspot.com

प्रिया ने कहा…

first time aapke profile to visit kiya...... achcha laga.....aapse sikhne ko bhi milega kafi kuch

vijay kumar sappatti ने कहा…

vandan , this is ultimate boss, kya behatreen likha hai ... wah wah ..

maza aa gaya padhkar

बेनामी ने कहा…

ख़ूबसूरत रचना

Preeti tailor ने कहा…

jindagi ko kuchh na kaho ,
jaise milati hai milte raho ,
na gila na shikva kiya kabhi ,
aur apni is befikr ada par khud hi hans liya karo ...

Dr. Ravi Srivastava ने कहा…

नमस्ते वंदना जी,
मै किन लफ्जों में आप का शुक्रिया अदा करूँ, मेरे कुछ समझ में नही आता. आप के कमेन्ट मेरे दिल में उतर गए. बहुतों से कमेंट्स मिले लेकिन आप जैसे नही.

...ठहरे हुए लम्हों की खामोशी भी पुकारा करती है...,वाह। जिंदगी को चाँद लाइनों में कह देने की बहुत खूबसूरत अदा है आप के पास।

आप के उत्साहवर्धक कमेन्ट और राय के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद। "मेरी पत्रिका" में आपका हमेशा स्वागत है।

आपका फ्रेंड

रवि

satish kundan ने कहा…

सरल शब्दों में मन की भावना को प्रस्तुत किया है आपने...बधाई!!!!!!!!! मैंने एक नयी पोस्ट डाली है आपका स्वागत है...