खुश्क आँखें भी रोया करती हैं
पत्थर भी सदाएं देते हैं
ठहरे हुए हर लम्हे की
खामोशी भी पुकारा करती है
खुशियाँ भी रोया करती हैं
गम भी हंसा करते हैं
चलती हुई ज़िन्दगी का
वक्त भी रुका करता है
रूहें भी रोया करती हैं
ज़ख्म भी हंसाया करते हैं
दफ़न होने के बाद भी ,रूहें
ज़िन्दगी को बुलाया करती हैं.
20 टिप्पणियां:
sach kaha , aisa bhi hota hai,ji han vandana ji aisa bhi hota hai.
bahut sunder bhav.badhai.
sundar rachana... badhaayee...
arsh
ख़ूबसूरत कविता
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haan hota to hai aisa ....
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
' ऐसा भी होता है " के तीनों बिम्ब सुन्दर बन पड़े हैं .
-विजय
जब जख्म हँसाया करते हैं,
और रूहे रोया करतीं है।
पत्थर देतें हैं आवाजें,
जिन्दगी बुलाया करती है।।
जब एक पहर आता होगा।
तब वक्त ठहर जाता होगा।
रूह रोती है,गम हंसते हैं......ऐसा भी होता है!
बहुत अच्छी रचना.....
बहुत अच्चे!
akhiri panktiyan prabhaavshali hain.
achchee rachna hai.badhaayee.
बहुत अच्छी रचना.....
khubsurat rachana hai
sunder rachana hai
हम जैसे होते हैं, दुनिया को भी उसी नजर से देखते हैं। आपने अपनी संवेदनाएं सारे संसार में सजा दी हैं।
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SBAI TSALIIM
chaliye likhna badastoor jaari hai...aur achha hai bahut...khaaskar ending bahut achhi hai
www.pyasasajal.blogspot.com
first time aapke profile to visit kiya...... achcha laga.....aapse sikhne ko bhi milega kafi kuch
vandan , this is ultimate boss, kya behatreen likha hai ... wah wah ..
maza aa gaya padhkar
ख़ूबसूरत रचना
jindagi ko kuchh na kaho ,
jaise milati hai milte raho ,
na gila na shikva kiya kabhi ,
aur apni is befikr ada par khud hi hans liya karo ...
नमस्ते वंदना जी,
मै किन लफ्जों में आप का शुक्रिया अदा करूँ, मेरे कुछ समझ में नही आता. आप के कमेन्ट मेरे दिल में उतर गए. बहुतों से कमेंट्स मिले लेकिन आप जैसे नही.
...ठहरे हुए लम्हों की खामोशी भी पुकारा करती है...,वाह। जिंदगी को चाँद लाइनों में कह देने की बहुत खूबसूरत अदा है आप के पास।
आप के उत्साहवर्धक कमेन्ट और राय के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद। "मेरी पत्रिका" में आपका हमेशा स्वागत है।
आपका फ्रेंड
रवि
सरल शब्दों में मन की भावना को प्रस्तुत किया है आपने...बधाई!!!!!!!!! मैंने एक नयी पोस्ट डाली है आपका स्वागत है...
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