अजनबी मोड
अजनबी मुलाकात
जानकर भी अन्जान
पता नही वजूद जुदा हुये थे
या …………
नहीं , आत्मायें कभी जुदा नही होतीं
वज़ूद तो किराये का मकान है
और तुम और मै बताओ ना
वजूद कब रहे
हमेशा ही आत्माओ से बंधे रहे
अब चाहे कितनी ही
बारिशें आयें
कितने ही मोड अजनबी बनें
कितनी ही ख्वाहिशें दम निकालें
और चाहे चाय के कप दो हों
और उनमे चाहे कितना ही
पानी भर जाये
देखना प्यार हमेशा छलकता है
वो कब किसी कप मे
किसी बारिश की बूंद मे
या किसी फ़ूल मे समाया है
वो तो वजूद से इतर
दिलो का सरमाया है
फिर कैसे सोचा तुमने
हम जुदा हुये
हम तो हमेशा
अलग होते हुये भी एक रहे
एक आसमां की तरह
एक पंछी की तरह
कहीं भी रहे
उडान तो आसमां की तरफ़ ही होती है ना……………
अजनबी मुलाकात
जानकर भी अन्जान
पता नही वजूद जुदा हुये थे
या …………
नहीं , आत्मायें कभी जुदा नही होतीं
वज़ूद तो किराये का मकान है
और तुम और मै बताओ ना
वजूद कब रहे
हमेशा ही आत्माओ से बंधे रहे
अब चाहे कितनी ही
बारिशें आयें
कितने ही मोड अजनबी बनें
कितनी ही ख्वाहिशें दम निकालें
और चाहे चाय के कप दो हों
और उनमे चाहे कितना ही
पानी भर जाये
देखना प्यार हमेशा छलकता है
वो कब किसी कप मे
किसी बारिश की बूंद मे
या किसी फ़ूल मे समाया है
वो तो वजूद से इतर
दिलो का सरमाया है
फिर कैसे सोचा तुमने
हम जुदा हुये
हम तो हमेशा
अलग होते हुये भी एक रहे
एक आसमां की तरह
एक पंछी की तरह
कहीं भी रहे
उडान तो आसमां की तरफ़ ही होती है ना……………
2 टिप्पणियां:
हाँ उड़ान आसमान की तरफ ही होती है वंदना जी............बहुत सुन्दर पोस्ट|
ये सच है की प्यार छालकता है ... पर उसको बांधना भी तो कठिन होता है खुशबू की तरह ... भावमय रचना है ...
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