ब्लॉगर मीट की कहानी सुनो
एक बात मेरी जुबानी सुनोजब से ब्लॉगिंग कर ली है
एक बात मैंने समझ ली है
आप पूछेंगे क्या ?
अजी और कुछ नहीं
सिर्फ इतना ही
ब्लॉगिंग जमे ना ब्लोगर्स बिना
मीट जमे ना अविनाश जी बिना
दिल्ली में जमावड़ा इकठ्ठा था
कौन कौन आने में शामिल था
इसका कच्चा चिटठा सुनाती हूँ
खुशदीप जी ने महफ़िल सजाई थी
साथ में मैडम खुशदीप भी आई थीं
नए ब्लोगर राकेश जी
को साथ लाये थे
सर्जना ने प्रोग्राम बनाया था
गीताश्री ने झंडा उठाया था
समीर जी के सम्मान में
ब्लोगर मीट कराया था
इरफ़ान भाई भी आये थे
कार्टूनों का मसौदा साथ ले गए हैं
सतीश सक्सेना ,शाहनवाज़ सिद्दीकी
भी आये थे
रंग महफ़िल में जमा गए थे
एक आश्चर्य महान हुआ
जिसने सभी को लुभाया था
रविन्द्र प्रभात जी लखनऊ से आये थे
महफूज़ को भी साथ लाये थे
सबने मिलकर रंग जमाया था
होली से पहले होली का रंग आया था
राजीव तनेजा भी आये थे
साथ में भार्या को भी लाये थे
प्रतिभा कुशवाहा भी आई थीं
पाखी का रंग साथ लाई थीं
आखिर में अजय झा भी आये थे
वकालत के हथकंडे आजमाए थे
सबने बड़ा धमाल किया
दिल का हर हाल बयां किया
ब्लोगर्स के बीच फँसी दो नारी थीं
पतियों की ब्लॉगिंग की मारी थीं
पत्नी धर्म निभाती थीं
फिर भी सदा मुस्काती थीं
शिकवा ना लब पर लाती थीं
ब्लोगर मीट में भी शान से जाती थीं
ऐसी पत्नियों को प्रणाम करो
ओ पत्नियों के पतियों
तुम भी अपने फ़र्ज़ पूरे करो
समीर जी ने ब्लोगिंग पर
दो शब्द कहे
होठों से मानो फूल झडे
ब्लोगिंग का झंडा बुलंद रहे
सार्थक ब्लोगिंग का जज्बा बहे
सर्जना का प्रयास सफल रहा
भोजन भी खूब मस्त रहा
चाय का फिर दौर चला
खूब फिर हो -हल्ला मचा
जाने का किसी का मन नहीं था
फिर भी आना जरूरी था
ऐसे आयोजन सभी कराते रहें
ब्लोगिंग को पहचान दिलाते रहें
ये नारा बुलंद किया
फिर सबने प्रस्थान किया
दोस्तों ,
कल दिल्ली में ४ फरवरी को ब्लोगर मीट हुई थी समीर जी के सम्मान में सर्जना शर्मा और गीता श्री ने आयोजन किया था प्रेस क्लब में ...................वहाँ मैं भी गयी थी और जो देखा जाना आपके आगे प्रस्तुत है .............कुछ नाम रह गए हैं माफ़ी चाहती हूँ ..........शम्भू जी , मंजरी चतुर्वेदी जी आदि भी शामिल थे और जिनका नाम रह गया हो उनसे भी माफ़ी ...........अरे बाबा ..........हास्य है कोई बुरा मत मानना ..........संजू जी और मिसेज खुशदीप सहगल जी खास तौर से आप .........सिर्फ आपकी पहचान बताने का प्रयास किया है कि कितनी महान हैं आप दोनों जो ब्लोगिंग के लिए अपने पतियों को इतना वक्त देती हैं आप दोनों के सहयोग के बिना ऐसा संभव कहाँ था ..............अपनी तरफ से जितना लिख सकती थी काव्य में लिख दिया ...........बाकी और विस्तृत जानकारी आप अजय जी और राजीव जी से लीजियेगा .
47 टिप्पणियां:
वाह -वाह वंदना जी ...पूरी ब्लॉगर की कहानी वयां कर दी बहुत सलीके से ....पढ़कर आनंद आ गया ...आपका आभार
अगले ब्लोगर मीट में मैं भी शामिल होना चाहूंगा
कविता में कहानी अच्छी जमी है
हिन्दी ब्लॉगिंग मानवीय संवेदना की हसीन जमीं है
Shukriya Vandana ji,aapne bahut badhiya aur apne anokhe andaaz mein sara chitra kheench diya.
Aasha ahi aise hi phir se sabse jaldi mulaqaat hogi .
बुलंद रहे ब्लॉगिंग का झण्डा । कभी भी न हो यह ठण्ढा ॥ चाहे पड़ता रहे पत्नियों का डण्डा । सदैव ऊंचा रहे ब्लॉगर्स का झण्डा ॥
वंदना जी की यह रचना खूब मस्त रही, पूरे समय गीताश्री सर्जना शर्मा एवं खुशदीप भाई की व्यस्तता देखते ही बनती थी ! औरों के लिए जो जज्बा इन्होने दिखाया वह अनुकरणीय है ! मेरी तरफ से हार्दिक आभार !
@सतीश जी,
बस छोटा सा प्रयास किया है ताकि सब तक पहुंच सके।
@शुक्रिया इरफ़ान जी………वैसे कल तक हमे आप की तरफ़ से कोई ना कोई कार्टून ब्लोगर मीट पर मिल ही जायेगा।
ब्लोगर मीट के बहाने कई ऐसे चेहरों से मुखातिव हुआ जिन्हें केवल रचनाओं और ब्लॉग के माध्यम से ही जानता था , खुशदीप भाई ने इस आयोजन को समीर जी के नाम कर एक अविस्मर्णीय क्षण का साक्षी बना दिया हम सभी को, आपकी रचना ने मेरा मन मोह लिया, पूरा दिन दो व्यक्तियों अविनाश जी और अजय झा जी के साथ गुजारना काफी सुखद रहा, वन्दना जी इस खुबसूरत रचना के लिएबहुत-बहुत बधाई !
Kavita me kahani wah wah
shubhkamnaye
बेहद उम्दा तरीके से आपने पूरी मीट का हाल बता दिया और सब से मिलवा भी दिया ... आभार !
jane kab main milungi ... sunker bahut achha laga
सचित्र ब्लागर मिलन का पद्य वर्णन. उत्तम...
यह भी ठीक है
ब्लॉगिंग की कहानी
वंदना की जुबानी.
बहुत सुन्दर कविता में कहानी !
शानदार कवितामय रिपोर्ट। मुझे तो पढ़ते समय आवाज भी आ रही थी, जैसे कोई लय में पढ़ रहा हो।
shandar report
बना रहे ऐसा माहौल,
ब्लॉगर मिलकर करें धमाल।
रिपोर्टिंग इस अंदाज में भी हो सकती है...
पता नहीं था...नई विधा है...इसे आगे बढ़ाइये...
पूरी रिपोर्ट पढ़कर आनंद आ गया...
वाह वाह वाह ...
वाह वंदना जी वाह एक मुलाकात का ऐसा सुंदर वर्णन । फिर जल्द मिलेंगें
कविता के लिए आभार
ब्लोगर मीट का काव्यात्मक चित्रण बहुत अच्छा लगा. आभार.
सादर,
डोरोथी.
दिलचस्प तरीके से आपने पूरी ब्लॉगर मीट का हाल बताया ......आपका आभार.
बाकी सब तो ठीक लगा। पर चार महिलाओं में से एक को भी कुर्सी नहीं मिली। अगली ब्लागर मीट में इस बात का ध्यान रखा जाए तो बेहतर होगा। बराबरी हर जगह होनी चाहिए। महिलाओं को भी अपना स्थान तय करना होगा।
ब्लॉगर की कहानी वयां कर दी
ॐ कश्यप में ब्लॉग में नया हूँ
कर्प्या आप मेरा मार्ग दर्शन करे
धन्यवाद
http://unluckyblackstar.blogspot.com
अरे वाह...ये कवितामयी रिपोर्ट तो बहुत बढ़िया रही....खूब हो रहे हैं ब्लोगर मिलन...और होते रहें...शुभकामनाएं
बहुत खूब क्या सुनाई ब्लॉग मिलन की बात
मिलने जुलने से मिले खुशियों की सौगात
खुशियों की सौगात मिले जब ब्लॉगर कोई
सुन विचार सुंदर सुंदर मन गदगद होई
बढ़िया...कवितामयी रिपोर्ट...
उन्हीं क्षणों को आपने फिर से जीवंत कर दिया
बहुत सुंदर लगा सारा विवरण धन्यवाद
इस काव्यमयी रपट और उसमें गद्या सम्मिश्रण बहुत बढ़िया रहा!
हैप्पी ब्लॉगिंग!
वाह वंदना जी
बेहद उम्दा तरीके से आपने पूरी मीट का हाल बता दिया और सब से मिलवा भी दिया
.............आपका आभार
कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
माफ़ी चाहता हूँ
अच्छा जी कहानी कह के कविता सुनवा दी । हा हा हा आपकी कहानी भी सुंदर संगीत की तरह लगी हमें । आने दीजीए हमारी बारी हम भी कविता कह के कहानी पढवाएंगे आपको ...भईया जी इश्माईल
badhai ho aap sabko
वंदना जी की चर्चा के चर्चे हैं हर ज़ुबान पर,
उनके मधुर स्वभाव की भी बैठक से सब को ख़बर हो गई...
ये कोई ब्लॉगर मीट नहीं थी, बस समीर जी के प्रस्थान वाले दिन दिल्ली में जितने ब्लॉगर संभव हो सकते थे, उनसे मिलवाने का प्रयास भर था...सीमित जगह और व्यवस्था की वजह से सभी ब्लॉगरजन को निमंत्रण देना संभव नहीं
हो सका...कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सर्जना शर्मा और गीताश्री को साधुवाद...
जय हिंद...
हम्म...
लगता है अब छुप-छुप ब्लागर-मीट करने के दिन आ गए हैं :)
समय समय पर इस तरह का आयोजन होते रहना चाहिए।
सम्मेलन का काव्यात्मक विवरण अच्छा लगा।
वाह...
क्या रिपोर्टिंग है...
ब्लॉगिंग की दुनियाँ भी क्या दुनियाँ है...
हाय महादुःख पाए सखा.. हम आये उते ना किते दिन खोये...
अति सुंदर . यह अंदाज़ ए बयान पसंद आया
ब्लोगर मीट की कवितामयी सुन्दर प्रस्तुति ।
गज़ब का चित्र खींचा है..
वंदना जी, आपके इस व्यापक संसार से जुड़ कर बहुत अच्छा लग रहा है। आपलोग वहां आएं, वक्त निकाल कर,ये बड़ी बड़ी बात रही.मैं ज्यादा वक्त आपलोगो के साथ नहीं बिता पाई, इसका अफसोस रहेगा। आपकी काव्यात्मक रिपोर्ट पढकर सारा हाल जान गई। जल्दी ही एक आयोजन और करने वाले हैं.चस्का सा लग गया है।
वन्दना जी आपने तो ब्लागिंग का लाइव टेलीकास्ट कर दिया । अगली ब्लागिग मीट के बारे मे हमें भी बताइयेगा ।
वाह वाह ये हुयी न बात। सब को बहुत बहुत बधाई।
Oh!Maza aa gaya padhke!
कितना अनाड़ी हूँ मैं.
मैंने आपकी इस पोस्ट का अपनी पहली
पोस्ट 'ब्लॉग जगत में मेरा पदार्पण' में
जिक्र किया और इस पोस्ट पर आकर कुछ भी नहीं कहा.
दरअसल लिंक मेरी बिटिया ने दिया था,और मुझे
लिंक पर जाना भी नहीं आता था.आज जब खुद
समीर लाल जी को याद कर अपनी पोस्ट पढ़ी
और लिंक पर क्लिक किया तो यहाँ चला आया.
आप सब से प्रथम मिलन सदा अविस्मरणीय रहेगा.
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