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सोमवार, 24 अगस्त 2015
जानता है वो
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता
नक्कारखाने में तूती की आवाज़ कोई नहीं सुनता
जानते हुए भी
वो चल दिया अकेला ही
सूरज से आँख मिलाने
ये जमा घटा गुणा भाग का समय नहीं है
क्योंकि
हर अमावास के बाद पूर्णिमा आती ही है ...........जानता है वो
1 टिप्पणी:
डॉ. मोनिका शर्मा
ने कहा…
बढ़िया , हौसला मिला पढ़कर
25 अगस्त 2015 को 5:32 pm बजे
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1 टिप्पणी:
बढ़िया , हौसला मिला पढ़कर
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