आओ आओ
देखो ये है बच्चों की बारात
जहाँ बच्चे ही दूल्हा
बच्चे ही बाराती
किसी की चिरी है छाती
किसी की आँख है निकली
किसी की अंतड़ियाँ
तो किसी के भेजे में
गोली है फंसी
किसी का चेहरा यूँ लहुलुहान हुआ
कि माँ से न पहचाना गया
पिता रोते रोते बेदम हुआ
माँ ने तो होश ही खो दिया
जिसका लाल आज लाल हुआ
ये कैसे जांबाज सिपाही
बिन सेहरा पहने ही चल दीये
मौत की दुल्हन से मिलने गले
कब्र भी कम पड़ गयीं
जिन्हें देख कबिस्तान की भी जान सूख गई
ये कैसी बारात आई है
जहाँ हर ओर रुसवाई है
हर चेहरे पर मुर्दनी छाई है
देख खुदा भी सहम गया
क्या अब भी सियासतदारों न तुम्हारी आँख खुली ?
अब प्रश्न तुम से है
ओ मानवता के दुश्मनों
ये कैसा संहार किया
ओ ताकतवर सियासी ताकतों (पाकिस्तान , अमेरिका )
ये फसल तो तुम्हारी ही है बोई हुई
कल तुमने पाला जिसे
आज छीना निवाला उसी ने
अब तो जाग जाओ
बच्चों की शहादत से तो सबक सीख जाओ
वर्ना
कल के तुम जिम्मेदार होंगे
जब इन्ही में से किसी के अपने
हाथ में बन्दूक पकड़ेंगे
और निशाने पर होंगे ........... तुम
क्योंकि
मासूमियत के हत्यारे हो तुम सिर्फ तुम
और तुम्हारी एकछत्र राज करने की ख्वाहिश
7 टिप्पणियां:
दर्दनाक घटना ...... ह्रदय विदारक
कल 18/दिसंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
तुतलाती आवाज़ों ने गुहार तो लगे होगी
खुद को बचाने की हर की छलांग लगाई होगी
...............मार्मिक क्रंदन
तुतलाती आवाज़ों ने गुहार तो लगे होगी
खुद को बचाने की हर की छलांग लगाई होगी
...............मार्मिक क्रंदन
बड़ा खौफनाक..बड़ा दर्दनाक ..
सबकी आहें एक न एक दिन ऐसे कृत्य करने वालों को ले डूबेगी जरूर ...
विदारक, किसी को न मिले ऐसा दिन देखने को,
मजहब के नाम पर मासूमों की बलि दे डाली… संवेदनशील। ।
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