काश बना लेता अपनी बावरिया
मैं तो नाचती फिर बिन पैजनिया
धर अधरन पर प्यारी मुरलिया
तिरछी चितवन तीर चलाकर
सुध हर लेते बाँके बिहारिया
तो ले लेती श्याम तोरी बलैयाँ
काश बना लेता अपनी बावरिया
मैं तो नाचती फिर बिन पैजनिया
जो बन जाते रंगरेजिया साँवरिया
श्याम रंग में रंग कर चुनरिया
नख से शिख तक जोगन बनकर
प्रीत भी चढ़ती तेरी अटरिया
काश बना लेता अपनी बावरिया
मैं तो नाचती फिर बिन पैजनिया
4 टिप्पणियां:
श्याम रंग के आगे और कोई रंग नहीं टिकता !
वाह ... मनमोहक भाव
शुभकामनाएं
वाह सुंदर
सबसे सलोना रंग श्याम तेरा है।
बहुत सु दर
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