हे तमहारिणी !
प्रकाश का भंडार हो तुम
सदबुद्धि का आधार हो तुम
लेखनी का प्रमाण हो तुम
वाणी में सुरों का सार हो तुम
मानव के रोम- रोम में बसा
प्रेम का संचार हो तुम
हे वरदायिनी !
वरदहस्त बनाये रखना
अपनी कृपा बरसाये रखना
जीवन में ज्ञान का उजास जगाये रखना
पथरीले पथ भी सुगम बनाये रखना
बस अपने शिशुओं पर इतना स्नेह बनाये रखना
हे वीणावादिनी !
नवयुग का आगाज़ हो तुम
ज्ञानोदय का भंडार हो तुम
जीवन का आधार हो तुम
प्रकृति के कण- कण में बजता
सदियों से बहता अजस्र नाद हो तुम
हे वागीश्वरी !
मेरी वाणी को आधार देता
कृपामय प्रसाद हो तुम
हे कादम्बरी !
मेरे जीवन की नयी सुबह का
एक गुनगुनाता भाव हो तुम
हे वरप्रदायिनी !
कोटि कोटि नमन करता
मेरे मन का राग हो तुम
15 टिप्पणियां:
हे वीणावादिनी ! नवयुग का आगाज़ हो तुम ज्ञानोदय का भंडार हो तुम
बहुत सुंदर ही सुंदर रचना लिखी है वंदना दी
आप को और पूरे परिवार को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं...!!
@ संजय भास्कर
माँ शारदा की कृपा बनी रहे .... बहुत सुन्दर प्रार्थना
bahut sundar vaagdevi stuti
New Post: Arrival of Spring !
वसन्त का आगमन !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (05-02-2014) को "रेखाचित्र और स्मृतियाँ" (चर्चा मंच-1514) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वसंत पंचमी पर सुन्दर रचना, बधाई.
मन का यह सुन्दर राग यों ही झंकृत रहे !
बहुत सुंदर.... बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई और शुभकामना !!
बहुत सुंदर.... बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई और शुभकामना !!
यह सुंदर वंदना और कामना आपके साथ-साथ हम सबके लिए फलीभूत हो -यही प्रार्थना है माँ शारदा से !
माँ वीणापाणि वरदहस्त बनाये रखे !
बहुत शुभकामनायें !
बहुत सुंदर रचना ......
बहुत ही सुन्दर प्रार्थना
माँ सरस्वती कि कृपा रहे आप पर...
बसंत पंचमी कि हार्दिक शुभकामनाएँ....
http://mauryareena.blogspot.in/
:-)
बहुत सुंदर रचना...
हे वरदायिनी कोटि कोटि नमन
संग्रह हित योग्य .. अत्ति उत्तम
www.drlalthadani.com
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