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रविवार, 1 जुलाई 2012

जलसमाधि हर किसी का नसीब नहीं होती

किससे करूँ शिकायत
और क्या कहूँ
कहीं कोई अपना मिला ही नहीं
सभी अपनों के भेस में बेगाने ही मिले
सबने अपने कार्य ही सिद्ध किये
और हम किनारे पर खड़े
लहर का इंतजार ही करते रहे
कभी तो आएगी कोई लहर
मेरे नाम की
कभी तो भिगोएगी दामन
मेरे ख्वाबों का
कभी तो लहलहाएगी सरसों
मेरी मन में भी
कभी तो साहिल को नज़र आएगी
मेरी बेजुबान बेबसी
मगर ना कोई लहर आई
ना ही साहिल ने हाथ बढाया
और मैं चुपचाप
खडी खडी
लहरों का तांडव देखती रही
उस शोर में अपना वजूद खोती रही
शायद  कुछ किनारे कभी नहीं भीगते
या  जलसमाधि हर किसी का नसीब नहीं होती

24 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

मन की छटपटाहट को कहती सुंदर अभिव्यक्ति

Ramakant Singh ने कहा…

हो सकता है आपका जन्म इस बार देने के लिए ही हुआ हो , ये बात तो मालिक ही जानें .
फिर भी आप ऐसा न कहें इश्वर बड़े कृपालु है न जाने कौन साहिल पर इंतज़ार करता मिले ....

संध्या शर्मा ने कहा…

भावमय करते शब्द...बेहतरीन रचना... शुभकामनायें

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत नायाब अभिव्यक्ति ,,,सुंदर रचना,,,,,

MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

गहरी रचना..

मनोज कुमार ने कहा…

आस-विश्वास पर जीवन की नया बड़ी-बड़ी लहरों को पार कर जाती है ...

Maheshwari kaneri ने कहा…

गहरी सोच सुन्दर अभिव्यक्ति..

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव वंदना जी.....

मन को छू गए.....झकझोर भी गए....

सस्नेह
अनु

पुरुषोत्तम पाण्डेय ने कहा…

बहुत सुन्दर, मन को झकझोरती रचना.

shikha varshney ने कहा…

आत्मविश्वास और सही वक्त हर समस्या का इलाज है.
गहरी रचना.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

कुछ किनारे कभी नहीं भीगते....
सुन्दर अभिव्यक्ति....

लहरों के इस शोर में, सुनते मेरे कान.
दूर कहीं से आ रही, मोहक बंशी तान.


सादर.

रचना दीक्षित ने कहा…

अंतस की आवाज़ बहुत गहरा प्रभाव छोडती है.

सुंदर रचना.

Kailash Sharma ने कहा…

शायद कुछ किनारे कभी नहीं भीगते
या जलसमाधि हर किसी का नसीब नहीं होती

...बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...

pran sharma ने कहा…

AAPKE MAN SE NIKLEE HOOK BADEE
PYAAREE LAGEE HAI .

pran sharma ने कहा…

AAPKE MAN SE NIKLEE HOOK BADEE
PYAAREE LAGEE HAI .

बेनामी ने कहा…

कुछ किनारे कभी नहीं भीगते.....बहुत सुन्दर।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

भीगने की चाह में कभी कभी जीवन भर बूँद भी नसीब् नहीं होती ... भावनात्मक शब्द ....

सदा ने कहा…

भावमय करते शब्‍दों का संगम ... बेहतरीन प्रस्‍तुति।

Pallavi saxena ने कहा…

समय बड़ा बलवान होता है इसलिए कहते हैं शायद वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिलता। अंतिम पंक्तियों ने समा बांध दिया लाजवाब गहन भाव अभिव्यक्ति....

mridula pradhan ने कहा…

bhawpoorn.....

वाणी गीत ने कहा…

अपनों के भेस में बेगाने मिलते ...
कुछ किनारे कभी नहीं भीगते ...
भावपूर्ण अभिव्यक्ति.

ZEAL ने कहा…

People come in disguise. No one is selfless on this earth...

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

भावों की ताजगी है कविता में।
कितनी सटीक बात कही है-
जल समाधि सबके नसीब में नहीं होती।

Rakesh Kumar ने कहा…

ओह!
वंदना जी,
भूल गयीं आप कि
भले ही सब बेगाने हों,पर आप
तो सबकी अपनी हैं,
आप ही तो खुद लहर हैं,
आप ही साहिल हैं,
आपका सा नसीब तो
नसीब वालों को भी
नही मिलता.

यदि मैंने कुछ गलत कहा हो तो
फिर से पहिचानियेगा अपने आप को.