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मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

अपनी कमली बना लो ना मुझे भी




जरूर राधा ने मोहिनी डारी है 
तभी छवि तुम्हारी इतनी मतवाली है 
जो भी देखे मधुर छवि 
अपना आप भुलाता है 
ये राधे की महिमा न्यारी है 
जो तुम पर पडती भारी है 
तुम सुध बुध अपनी बिसरा देते हो 
जब राधा नैनन मे उलझते हो 
जैसी दशा तुम्हारी है मोहन 
बस वैसी ही दशा हमारी है 
घायल की गति घायल जाने 
अब तो समझो गिरधारी 
मै हूँ तुम्हारी जोगनिया न्यारी
उस अनुपम छवि की प्यासी हूँ 
जो राधे नैनन मे बसता है 
राधा का मन हरता है 
चितचोर नाम कहाता है 
छछिया भर छाछ पर रीझ जाता है 
इक बार झलक दिखाओ सांवरिया
अपने चरण लगाओ सांवरिया 
अश्रुबिंदु अर्पण करती हूँ 
भावों से खुद का तर्पण करती हूँ
बस पिया दरस की प्यासी हूँ ...........मोहन 
इक बार गले लगाओ सांवरिया
मेरी तपन मिटाओ सांवरिया 

चाहे चरण दरस ही दिखाओ सांवरिया
बस इक बार तुम आ जाओ सांवरिया 
वो ही मोहिनी मूरत दिखाओ सांवरिया
जिसमे राधा रूप झलकता है 
प्रेम वहीँ परिपूर्ण होता है 
बस इक बूँद तो पिला दो सांवरिया 
जीवन सफल बना दो सांवरिया
जीवन रास महारास बन जाये 
जो तुम्हारा दर्शन हो जाये 
हे मोहन ........अपनी कमली बना लो ना मुझे भी .......आह !!!!




25 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

तुमलोग जीने नहीं दोगे
राधा के ताने से बचने नहीं दोगे
उसके लिए तो मुरली ही सौतन है
अब और नहीं ......

RITU BANSAL ने कहा…

अपनी कमली बना लो न मुझे भी....!

सदा ने कहा…

अनुपम भाव संयोजित किए हैं आपने इसमें ... एक और उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति .. आभार ।


कल 25/04/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


... मैं तबसे सोच रही हूँ ...

बेनामी ने कहा…

तू ही तू रहे जहाँ भी मैं रहूँ....सुन्दर पोस्ट।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मोहन की मोहिनी देख के कोई भी मोहित हो सकता है ... उसके मोह में कमला हो जाना ही जीवन है ...

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

प्रेम और भक्ति में पगी रचना...

mridula pradhan ने कहा…

bahut bhawnatmak aur sunder.....

Rajesh Kumari ने कहा…

prabhu prem bhaav se saji rachna.bahut sundar.

Aruna Kapoor ने कहा…

राधा और श्याम...श्याम और राधा!...दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे है!...फिर भी श्याम के प्रेम रस से सराबोर!...बहुत सुन्दर रचना!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह बहुत सुन्दर..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

"अपनी कमली बना लो ना मुझे भी" सुंदर रचना...

MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

kyaa baat hai bhtrin ..akhtar khan akela kota rajsthan

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

राधे राधे...

Saras ने कहा…

कृष्ण प्रेम से कोई नहीं बच सका .....प्रेम में आकंठ डूबी रचना

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

वाह .

रविकर ने कहा…

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
बुधवारीय चर्चा-मंच
पर है |

charchamanch.blogspot.com

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

कैसे ना रीझेंगे कान्हा...............

सुंदर....
बहुत सुंदर.

अनु

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

कृष्ण की भक्ति और
आपकी मीरा सी आसक्ति देखकर
हम भी भक्ति रस से सराबोर हो गये!

रचना दीक्षित ने कहा…

दर्शन की कामना सभी को रहती है पर ऐसी सुंदर प्रार्थना ठुकराया जाना मुश्किल है.

Ramakant Singh ने कहा…

each and every lines ful of devotion and dedications.

Dr Xitija Singh ने कहा…

निस्वार्थ प्रेम भाव से ओत प्रोत रचना ... बहुत सुंदर ... :)

***Punam*** ने कहा…

बस......
इतना ही है कहना.....
सांवरे......सांवरे...
ओ सांवरे.....!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

कृष्ण भक्ति में डूबी सुंदर रचना

virendra sharma ने कहा…

अंतर के कपाटों तक सुनाई देता है इस रचना का कातर स्वर .बढ़िया प्रस्तुति मोहिनी छवि समेटे श्री चरनन की .

Rakesh Kumar ने कहा…

आह!!! आह!!! आह!!!

क्या बात है आपकी,वन्दना जी.

आपकी प्रस्तुति पढ कर मुख से
निकल रहा है

वाह! वाह! वाह!