जरूर राधा ने मोहिनी डारी है
तभी छवि तुम्हारी इतनी मतवाली है
जो भी देखे मधुर छवि
अपना आप भुलाता है
ये राधे की महिमा न्यारी है
जो तुम पर पडती भारी है
तुम सुध बुध अपनी बिसरा देते हो
जब राधा नैनन मे उलझते हो
जैसी दशा तुम्हारी है मोहन
बस वैसी ही दशा हमारी है
घायल की गति घायल जाने
अब तो समझो गिरधारी
मै हूँ तुम्हारी जोगनिया न्यारी
उस अनुपम छवि की प्यासी हूँ
जो राधे नैनन मे बसता है
राधा का मन हरता है
चितचोर नाम कहाता है
छछिया भर छाछ पर रीझ जाता है
इक बार झलक दिखाओ सांवरिया
अपने चरण लगाओ सांवरिया
अश्रुबिंदु अर्पण करती हूँ
भावों से खुद का तर्पण करती हूँ
बस पिया दरस की प्यासी हूँ ...........मोहन
इक बार गले लगाओ सांवरिया
मेरी तपन मिटाओ सांवरिया
चाहे चरण दरस ही दिखाओ सांवरिया
बस इक बार तुम आ जाओ सांवरिया
वो ही मोहिनी मूरत दिखाओ सांवरिया
जिसमे राधा रूप झलकता है
प्रेम वहीँ परिपूर्ण होता है
बस इक बूँद तो पिला दो सांवरिया
जीवन सफल बना दो सांवरिया
जीवन रास महारास बन जाये
जो तुम्हारा दर्शन हो जाये
हे मोहन ........अपनी कमली बना लो ना मुझे भी .......आह !!!!
25 टिप्पणियां:
तुमलोग जीने नहीं दोगे
राधा के ताने से बचने नहीं दोगे
उसके लिए तो मुरली ही सौतन है
अब और नहीं ......
अपनी कमली बना लो न मुझे भी....!
अनुपम भाव संयोजित किए हैं आपने इसमें ... एक और उत्कृष्ट अभिव्यक्ति .. आभार ।
कल 25/04/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
... मैं तबसे सोच रही हूँ ...
तू ही तू रहे जहाँ भी मैं रहूँ....सुन्दर पोस्ट।
मोहन की मोहिनी देख के कोई भी मोहित हो सकता है ... उसके मोह में कमला हो जाना ही जीवन है ...
प्रेम और भक्ति में पगी रचना...
bahut bhawnatmak aur sunder.....
prabhu prem bhaav se saji rachna.bahut sundar.
राधा और श्याम...श्याम और राधा!...दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे है!...फिर भी श्याम के प्रेम रस से सराबोर!...बहुत सुन्दर रचना!
वाह बहुत सुन्दर..
"अपनी कमली बना लो ना मुझे भी" सुंदर रचना...
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....
kyaa baat hai bhtrin ..akhtar khan akela kota rajsthan
राधे राधे...
कृष्ण प्रेम से कोई नहीं बच सका .....प्रेम में आकंठ डूबी रचना
वाह .
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
बुधवारीय चर्चा-मंच
पर है |
charchamanch.blogspot.com
कैसे ना रीझेंगे कान्हा...............
सुंदर....
बहुत सुंदर.
अनु
कृष्ण की भक्ति और
आपकी मीरा सी आसक्ति देखकर
हम भी भक्ति रस से सराबोर हो गये!
दर्शन की कामना सभी को रहती है पर ऐसी सुंदर प्रार्थना ठुकराया जाना मुश्किल है.
each and every lines ful of devotion and dedications.
निस्वार्थ प्रेम भाव से ओत प्रोत रचना ... बहुत सुंदर ... :)
बस......
इतना ही है कहना.....
सांवरे......सांवरे...
ओ सांवरे.....!!
कृष्ण भक्ति में डूबी सुंदर रचना
अंतर के कपाटों तक सुनाई देता है इस रचना का कातर स्वर .बढ़िया प्रस्तुति मोहिनी छवि समेटे श्री चरनन की .
आह!!! आह!!! आह!!!
क्या बात है आपकी,वन्दना जी.
आपकी प्रस्तुति पढ कर मुख से
निकल रहा है
वाह! वाह! वाह!
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