शाम के
धुंधलके में
एक टुकड़ा
आसमान
मेरे आँगन
में उतरा
मुझे पुकारा
मेरे हिस्से के
चाँद की
संगमरमरी
दुधिया रौशनी से
मेरे आँगन को
जगमगाया
तारों की
टिमटिमाती
मखमली
चादर पर
सुलाया
और ले गया
स्वप्नों के
जहान में
जहाँ बादलों
का एक टुकड़ा
लहलहाता सा
आया और
मेरे वजूद पर
इन्द्रधनुषी
रंगों सा
छा गया
मेरे स्वप्न को
हकीकत का
ताज पहना गया
मुझे मेरे
वजूद को
सरगम सा
सहला गया
मेरे बिखरे हुए
अहसासों को
महका गया
कुछ इस तरह
टुकड़ों में
बंटे अस्तित्व
को संपूर्ण
बना गया
और फिर
मेरे हिस्से का
आसमान
मुझे मिल गया
24 टिप्पणियां:
... सुन्दर रचना !!!
bahut khubsurat ....bahut hi khubsurat vandna ji
bahut khubsurat khyal...apne hisse ka aasman kisi khushnasib ko hi mil paata hai ....
sundar bhaavo se sazi hui rachna ... swapano ki bhaasha aur mahak chaayi hui hai rachna par ...
badhai
आशावादी रचना .. भले ही देर सवेर हो .. अपने हिसे का आसमान हमें मिल ही जाता है !!
बेहतरीन लिखा है आपने शुक्रिया
मेरे हिस्से का
आसमान
मुझे मिल गया
very posetive.......
बहुत सुन्दर शब्दों को चुन कर इन्द्रधनुष सजाया है और ख्वाब पुरे हो जाएँ तो फिर बात ही क्या....बहुत सुन्दर रचना...
हर किसी को अगर उसके हिस्से का आसमान मिल जाए तो फिर बात ही क्या ...... बहुत अच्छी रचना है .........
WAAH!!! BAHUT HI KHOOBSOORTI SE AAPNE KOMAL BHAVON KO ABHIVYAKTI DI HAI.
टुकड़े-टुकड़े बादलों के विस्तृत आकाश में अपना पूरा वजूद, पूरी शख्सियत की तलाश जीवन की चरम उपलब्धि है और यही तो जीवन की अभीप्सा भी है !
अनुभूतियों की सच्ची-सहज अभिव्यक्ति !
साभिवादन--आ.
आपकी लेखनी में वास्तव में निखार आ गया है!
यह रचना इसका प्रमाण है!
शुभकामनाएँ!
aapke hisse ka aasman behad lubhawna
bahut hi badhiya .......
कवयित्री का सत्य/प्रकृति से साक्षात्कार दिलचस्प है।
खुदा करे आपको आपके हिस्से का आसमान जरूर मिले. कविता अच्छी लगी.
shukra hai, mil gaya. kahin sapna toot jata to,.................wah wah wah , behad khubsurat prastuti. vandana ji badhaai.
खूबसूरत एहसास जगाती सुंदर कविता के लिए बधाई.
जहाँ बादलों
का एक टुकड़ा
लहलहाता सा
आया और
मेरे वजूद पर
इन्द्रधनुषी
रंगों सा
छा गया..
बहुत अच्छी लगी खासकर ये पंक्तियाँ! सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदार रचना लिखा है!
is kavita ki ravaiyat kabilegaur hai Vandana ji... bahut umda likha... der se aane ke liye sorry
Jai Hind...
सुन्दर रचना के लिए बधाई......!
दिल को सुकून देने वाली बहंत सुन्दर रचना!!
बधाई!!!
हर मन की इक चाहत
एक मुठ्ठी आसमां!!
ati sunder rachana...
एक टिप्पणी भेजें