जब तब छेड़ जाती है उसकी यादों की पुरवाई सूखे ज़ख्म भी रिसने लगते हैं किसी को चाहना बड़ी बात नहीं मसला तो उसे भुलाने में है
बहुत सुन्दर
Nice line
बहुत उम्दा पंक्तियाँ!!
बहुत बढ़िया
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4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर
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बहुत उम्दा पंक्तियाँ!!
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