पृष्ठ
मुखपृष्ठ
अनुमति जरूरी है
मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये
my free copyright
सोमवार, 10 फ़रवरी 2020
मैंने चिंताओं को पकते देखा है
वक्त की डाल पर
किसी खराश सा
जो परिवर्तित हो
बन जाती है अंततः
चिता की लकड़ी
और
धूं धूं कर जलना जिनकी नियति
1 टिप्पणी:
Onkar
ने कहा…
बहुत सुन्दर
13 फ़रवरी 2020 को 8:28 am बजे
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर
एक टिप्पणी भेजें