पृष्ठ

अनुमति जरूरी है

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

अजीब तानाशाही है जनाब

राजा ने आँख बंद कर ली है
राजा ने कान बंद कर लिए हैं
राजा ने मुंह भी बंद कर लिया है

राजा तभी बोलता है जब उसने बोलना होता है
राजा तभी देखता है जब उसने देखना होता है
राजा तभी सुनता है जब उसने सुनना होता है

उससे पहले या बाद में के प्रश्न फ़िज़ूल हैं

राजा अब बापू के बताये रास्ते पर चल रहा है
फिर भी उस पर सवाल उठ रहा है?

अजीब तानाशाही है जनाब
क्या वो अपने मनानुसार जीने का अधिकारी नहीं ?

उसे भी तो एक ही जीवन मिला है जीने को
कुछ मन की बात करने को

आखिर कब तक आहुति देता रहे शासक ही
राम के अनुयाइयों का जीवन भी राम सा ही क्यों चाहते हो जनाब ?

प्रजा के लिए त्याग कर्तव्य किसी और दौर के किस्से कहानी ठहरे...

1 टिप्पणी:

Onkar ने कहा…

बहुत बढ़िया