पृष्ठ

अनुमति जरूरी है

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लोग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

नया हिन्दुस्तान

आजकल
न दुस्वप्न आते हैं न सुस्वप्न
बहुत सुकून की नींद आती है
अमन चैन के माहौल में

सारी चिंताएं सारी फिक्रें ताक पर रख
हमने चुने हैं कुछ छद्म कुसुम
लाजिमी है फिर
छद्म सुवास का होना
और हम बेहोश हैं इस मदहोशी में

स्वप्न तो उसे आयेंगे
जिसने खिलाने चाहे होंगे आसमान में फूल
गिरेंगे तो वही
जिसने की होगी चलने की कवायद
जागेंगे तो वही
जिन्होंने किया होगा सोने का उपक्रम
हमने तो बेच दिए हैं अपने सब हथियार
दीन ईमान, ज़मीर और इंसानियत भी

अब नया हिन्दुस्तान मेरी ख्वाबगाह है...



2 टिप्‍पणियां:

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना