आइये जनाब आइये
एक नया खेल देखिये
राजनीति की उठापटक में
कल तक जो भगोडे कहे जाते थे
आज उन्हीं का स्वागत देखिए
जनता जाग गयी है
उनको धूल चटा गयी है
जो सब्जबाग दिखा रहे थे
आँख में धूल डाल रहे थे
कोरे आश्वासनों के घोडों पर सवार हो
नहीं जीती जातीं हैं जंग
कर्मण्येवाधिकारस्ते ही जंग जीता करते हैं
जनता ने बतला दिया है
कीचड कितनी उछाली जाये
चाँद पर न दाग लगता है
आस्माँ पर थूका खुद पर ही गिरता है
इस बार जनता ने बतला दिया
अहंकारियों को धूल चटा दिया
ये लोक के तंत्र की शक्ति है
न किसी दल की भक्ति है
कछुआ एक बार फिर जीत गया
खरगोश अपने अहंकार में हार गया
इकतरफ़ा जीत बताती है
जनता जागरुक हो गयी है
बहलाव फ़ुसलाव में नहीं आती है
लोकतंत्र के चौथे खंभे के बदलते रंग देखिये
जो कल तक जिन्हें न किसी गिनती में गिनते थे
आज पीछे पीछे दौडे जाते हैं
आम आदमी की शक्ति को पहचान गये हैं
तो बोलो भक्तों जय जय लोकतंत्र की
एक नया खेल देखिये
राजनीति की उठापटक में
कल तक जो भगोडे कहे जाते थे
आज उन्हीं का स्वागत देखिए
जनता जाग गयी है
उनको धूल चटा गयी है
जो सब्जबाग दिखा रहे थे
आँख में धूल डाल रहे थे
कोरे आश्वासनों के घोडों पर सवार हो
नहीं जीती जातीं हैं जंग
कर्मण्येवाधिकारस्ते ही जंग जीता करते हैं
जनता ने बतला दिया है
कीचड कितनी उछाली जाये
चाँद पर न दाग लगता है
आस्माँ पर थूका खुद पर ही गिरता है
इस बार जनता ने बतला दिया
अहंकारियों को धूल चटा दिया
ये लोक के तंत्र की शक्ति है
न किसी दल की भक्ति है
कछुआ एक बार फिर जीत गया
खरगोश अपने अहंकार में हार गया
इकतरफ़ा जीत बताती है
जनता जागरुक हो गयी है
बहलाव फ़ुसलाव में नहीं आती है
लोकतंत्र के चौथे खंभे के बदलते रंग देखिये
जो कल तक जिन्हें न किसी गिनती में गिनते थे
आज पीछे पीछे दौडे जाते हैं
आम आदमी की शक्ति को पहचान गये हैं
तो बोलो भक्तों जय जय लोकतंत्र की
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर !
गोस्वामी तुलसीदास
बहुत सटीक अभिव्यक्ति...सच में जनता को कभी कम नहीं आंकना नहीं चाहिए..
सुंदर अभिव्यक्ति
सटीक अभिव्यक्ति..
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