वक़्त ने कब जिन्दगी का साथ दिया हमेशा आगे ही चलता जाता है और जिन्दगी वक़्त की परछाईं
सी नज़र आती है। वक़्त बहुत बेरहम है , अपनी परछाईं का साथ भी छोड़ देता है। वक़्त का हर सितम जिन्दगी सहती जाती है मगर उफ़ भी नहीं कर सकती। किसी के पास इतना वक़्त होता है कि काटना मुश्किल हो जाता है और किसी को इतना भी वक़्त नहीं होता कि अपने लिए भी कुछ वक़्त निकाल सके। वाह! रे वक़्त के सितम।
वक़्त जिन्दगी को बहुत उलझाता है।
यह कैसा वक़्त आ गया जब जिन्दगी भी कुछ कह नहीं पाती
और वक़्त के खामोश सितम भी सह नहीं पाती
गर कुछ कहना भी चाहे तो सुनने वाला कोई नहीं
यह कैसी बेबसी है , यह कैसी आरजू है,
वक़्त के सितम हँस के सहने को मजबूर
जिन्दगी उदास राहों पर चलती जाती है
काश!कोई दिखाये दिशा इस जिन्दगी को
वक़्त के साथ चलना सिखाये कोई जिन्दगी को
खामोश राहें हैं खामोश डगर है जिन्दगी की
वक़्त का साथ गर मिल जाये तो जिन्दगी के मायने बदल जाएँ
सी नज़र आती है। वक़्त बहुत बेरहम है , अपनी परछाईं का साथ भी छोड़ देता है। वक़्त का हर सितम जिन्दगी सहती जाती है मगर उफ़ भी नहीं कर सकती। किसी के पास इतना वक़्त होता है कि काटना मुश्किल हो जाता है और किसी को इतना भी वक़्त नहीं होता कि अपने लिए भी कुछ वक़्त निकाल सके। वाह! रे वक़्त के सितम।
वक़्त जिन्दगी को बहुत उलझाता है।
यह कैसा वक़्त आ गया जब जिन्दगी भी कुछ कह नहीं पाती
और वक़्त के खामोश सितम भी सह नहीं पाती
गर कुछ कहना भी चाहे तो सुनने वाला कोई नहीं
यह कैसी बेबसी है , यह कैसी आरजू है,
वक़्त के सितम हँस के सहने को मजबूर
जिन्दगी उदास राहों पर चलती जाती है
काश!कोई दिखाये दिशा इस जिन्दगी को
वक़्त के साथ चलना सिखाये कोई जिन्दगी को
खामोश राहें हैं खामोश डगर है जिन्दगी की
वक़्त का साथ गर मिल जाये तो जिन्दगी के मायने बदल जाएँ
10 टिप्पणियां:
वक्त आने पर मिलेंगे, तन-बदन।
वक्त आने पर खिलेंगे, मन-सुमन।
वक्त के साथ ज़िंदगी अपने आप ही चलती रहती है
waqt aur jindgi dono ko hi bakhubi prstut kiya hai aapne...
वक्त का साथ ही तो नहीं मिलता...
.......
प्रेम एक दलदल है..
’चोंच में आकाश’ समा लेने की जिद।
अब ये कैसा सफर आ गया जिंदगी में ये कि
बस चलते जा रहे हैं हम और कुछ खबर नहीं :)
बहुत खूबसूरत रचना दोस्त |
खूबसूरत रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.
बहुत सुन्दर रचना....
बधाई..
wakt wakt ki baat:)
सुंदर रचना...सादर।
वक्त के साथ जिंदगी कैसे बदल जाती है, आपकी पुरानी रचना वक्त के साथ नयी होकर हम सभी के सामने आई. बहुत बधाई.
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