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बुधवार, 13 अप्रैल 2011

एक प्रेम पत्र अनदेखे अहसास के नाम


आज तेरे
अह्सास का
छूकर निकल जाना
अन्दर तक
तडपा गया
मुझसे मुझे
चुरा ले गया
तेरी चाहत की बदली
दिल पर छा गयी
हर धडकन की
गूँज भिगो गयी
अहसास से
तपते दिल
के काँच पर
पडती एक
बूँद तेरे प्यार की
कहीं कुछ
तडका गयी
जैसे आईना कोई
चटका गया
हर अंग शिथिल
कर गया मगर
आंखियो मे ठांठें
मारता सागर
ना रोक पाया
उसे ना शिथिल
कर पाया
शायद तेरा ना होना
ही तेरे होने का
अहसास कराता है
और तेरे अह्सास
की डोर मे
मेरे जज़्बातों को
बाँध ले जाता है
ओ अनदेखे अहसास!
तू दूर होकर भी
पास होता है
मेरी रूह
मेरे ख्यालो मे
बहते तेरे
अन्छुये स्पर्श
मुझे सिहरा
जाते हैं
और तेरे होने
का अह्सास
करा जाते हैं
ये कैसे
अहसास हैं
जो हर
स्पन्दन को
स्पन्दित कर जाते हैं
कहाँ हो
कौन हो
नही जानती
मगर फिर भी
जैसे भीड मे भी
तुम्हे पहचानती हूँ
कैसे अहसास हो
जो मुझे मुझसे
छीने जाते हो
और तडप को
मेरी और
तडपा जाते हो
यादों को
दिल के कोने मे
छुपा लेती हूँ
अहसासों को भी
अहसास नही होने देती
क्योंकि कुछ अहसास
सिर्फ़ रूह की थाती होते हैं

33 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर आभासी दुनिया का चित्रण!
--
आपके गद्यगीत बहुत बढ़िया होते हैं!

Shikha Kaushik ने कहा…

bilkul sahi kaha hai aapne kuchh ahsas keval hrdy me sanjoi rakhne ke liye hi hote hain .sundar abhivyakti hetu badhai .

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

BAHUT KHOOB ! ANTIM PANKTIYAA BAHUT SUNDAR HAIN .

संजय भास्‍कर ने कहा…

आदरणीय वन्दना जी
नमस्कार !

बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...

बेनामी ने कहा…

वंदना जी,

सुन्दर भावों से सजी पोस्ट.....

PAWAN VIJAY ने कहा…

एक एक लफ्ज़ पहली बारिश की बूंद जैसे

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर प्रवाहमयी गद्यगीत।

arvind ने कहा…

sundar ahasaas...dil ko chhu lenevali rachna...bahut khoob.

सदा ने कहा…

बहुत खूब कहा है ...।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

एहसासों के नाम ये खत बहुत कुछ कह गया ..सुन्दर अभिव्यक्ति

Rakesh Kumar ने कहा…

"यादों को दिल के कोने मे छुपा लेती हूँ अहसासों को भी अहसास नही होने देती क्योंकि कुछ अहसास सिर्फ़ रूह की थाती होते हैं"
आपके सुन्दर अहसास रूह का अहसास कराते है.
क्या बात है वंदना जी.शानदार,अनुपम.

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

आदरणीया वंदना जी
सादर सस्नेहाभिवादन !

बहुत भीतर तक छू लेने वाली रचना है-
आज तेरे अह्सास का छूकर निकल जाना
अन्दर तक तडपा गया
मुझसे मुझे चुरा ले गया…


संवेदना से भर पूर …
तू दूर हो'कर भी पास होता है
मेरी रूह मेरे ख्यालो में बहते
तेरे अनछुए स्पर्श
मुझे सिहरा जाते हैं
और तेरे होने का अह्सास करा जाते हैं

…सुंदर रचना के लिए आभार !

* श्रीरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं ! *

- राजेन्द्र स्वर्णकार

Udan Tashtari ने कहा…

सुंदर रचना..

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

एक खूबसूरत कविता... हवा के झोंके सा एहसास देती कविता !

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

अनदेखे अहसासों को शब्द देना तो कोई आपसे सिखे....रोम रोम में बस गयी ये रचना...लाजवाब।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

क्योंकि कुछ अहसास सिर्फ़ रूह की थाती होते हैं...
Behtreen....

kshama ने कहा…

Tadap andartak mehsoos huee! Kamaal ka likhtee ho...baar,baar padhee ye rachana!

आशु ने कहा…

वदना जी,

अहसास का बहुत खूबसूरत चित्रण किया है आप ने..बहुत सुंदर रचना!!

Sadhana Vaid ने कहा…

बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ! रचना का हर अहसास मन को भिगो गया ! बहुत बहुत बधाई !

रश्मि प्रभा... ने कहा…

कुछ अहसास सिर्फ़ रूह की थाती होते हैं... sach me

***Punam*** ने कहा…

"क्योंकि कुछ एहसास
सिर्फ रूह की थाती होते हैं"

एहसास का सुन्दर चित्रण....
फिर भी कुछ बाकी रह जाता है
एहसास कब पूरी तरह बयां हो पाते हैं..
बहुत ही भावुक और मन को छू लेने वाली रचना..!!
मेरे मन के बहुत करीब...

शुक्रिया!!

Patali-The-Village ने कहा…

हवा के झोंके सा एहसास देती सुन्दर कविता| धन्यवाद|

केवल राम ने कहा…

अहसासों को भी
अहसास नही होने देती

अनुभूत सत्य को अभिव्यक्त करती रचना ..अंतिम पंक्तियाँ बहुत सुंदर अहसासों से परिपूर्ण ...आपका शुक्रिया

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना....सुंदर भावों के साथ सुंदर शब्द

mridula pradhan ने कहा…

kamaal ka likhi hain......

amit kumar srivastava ने कहा…

la---javaab..

दीपक बाबा ने कहा…

भावमई कविता सुन्दर भावों को संजोये हुवे....

Dr Varsha Singh ने कहा…

मेरे जज़्बातों को बाँध ले जाता है
ओ अनदेखे अहसास!
तू दूर होकर भी पास होता है.....

शब्द-शब्द संवेदना भरा है...

Arun sathi ने कहा…

क्यों कुछ अहसास सिर्फ रूह की थाती होती है

क्यांेकि यही तो प्रेम की बाती होती है।

आभार
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

Manav Mehta 'मन' ने कहा…

aapki rachnayen hamesha ahsas se paripooran hoti hain...

Kunwar Kusumesh ने कहा…

मेरे जज़्बातों को बाँध ले जाता है
ओ अनदेखे अहसास!
तू दूर होकर भी पास होता है.....

संवेदनाओं से ओत प्रोत.

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

"सुगना फाऊंडेशन जोधपुर" "हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम" "ब्लॉग की ख़बरें" और"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को " "भगवान महावीर जयन्ति"" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

सवाई सिंह राजपुरोहित

Roshi ने कहा…

sabhi rachnaoo per alag alag comment nahi kar rahi per sabhi bahutsunder hai