दिल की बात कैसे कहूं ,किससे कहूं ,यहाँ कौन है सुनने वाला,
इक छोटी सी आरजू है ,इक छोटी सी तमन्ना है ,
बरसों से दबी ख्वाहिश है , कोई हो इक ऐसा जो समझे इस दिल को,
जाने इस के दर्द को , और कोशिश करे समझने की
यह दिल क्या चाहता है , गर कोई जान ले तो
जीने की आरजू पूरी हो जाये , मरने का कोई मलाल ना रहे
लेकिन किससे कहूं और कैसे कहूं ?
इक छोटी सी आरजू है ,इक छोटी सी तमन्ना है ,
बरसों से दबी ख्वाहिश है , कोई हो इक ऐसा जो समझे इस दिल को,
जाने इस के दर्द को , और कोशिश करे समझने की
यह दिल क्या चाहता है , गर कोई जान ले तो
जीने की आरजू पूरी हो जाये , मरने का कोई मलाल ना रहे
लेकिन किससे कहूं और कैसे कहूं ?