मौत! तुम्हारा
स्वागत है
तुम ही तो
जीवन का
शाश्वत
सत्य हो
जीवन
क्षणभंगुर
अस्थिर है
मगर तुम
अटल हो
जीवन
दुश्वारियों
दुश्चिंताओं
उलझनों का
समन्वय है
मगर तुम
मुक्तिबोध
कराती हो
हर चिंता से
मुक्त कराती हो
मौत तुम तो
दुखो की
विश्रांति का
काल हो
एक नव सृजन
के लिए
जीवन को
राह दिखाती हो
तुम
विध्वंसकारी कहाँ ?
तुम तो
नव निर्माण
कराती हो
मौत तुम तो
निरंतर बहता
झरना हो
जो मुरझाये
टूटे बिखरे
जीवन को
नव चेतना
से पुनर्जीवित
करती हो
तुम्हारे अनवरत
बहते झरने में
डुबकी लगाते ही
नव पुष्प सा
नव जीवन का
सृजन होता है
मौत तुम ही तो
सृष्टि का आधार हो
संहारक नहीं
नव सृजन
की वाहक हो
हाँ मौत !
तुम्हारा
ह्रदय से
असीम
स्वागत है
स्वागत है
तुम ही तो
जीवन का
शाश्वत
सत्य हो
जीवन
क्षणभंगुर
अस्थिर है
मगर तुम
अटल हो
जीवन
दुश्वारियों
दुश्चिंताओं
उलझनों का
समन्वय है
मगर तुम
मुक्तिबोध
कराती हो
हर चिंता से
मुक्त कराती हो
मौत तुम तो
दुखो की
विश्रांति का
काल हो
एक नव सृजन
के लिए
जीवन को
राह दिखाती हो
तुम
विध्वंसकारी कहाँ ?
तुम तो
नव निर्माण
कराती हो
मौत तुम तो
निरंतर बहता
झरना हो
जो मुरझाये
टूटे बिखरे
जीवन को
नव चेतना
से पुनर्जीवित
करती हो
तुम्हारे अनवरत
बहते झरने में
डुबकी लगाते ही
नव पुष्प सा
नव जीवन का
सृजन होता है
मौत तुम ही तो
सृष्टि का आधार हो
संहारक नहीं
नव सृजन
की वाहक हो
हाँ मौत !
तुम्हारा
ह्रदय से
असीम
स्वागत है