सुनो
देखो ना
इक युग बीता
मगर देखो तो
मेरी आस का टोकरा
कभी रीता ही नही
सबने मुझे बावरी बना दिया
तेरे विरह में ये नाम दे दिया
मगर तुम बिन मेरा ना
कोई पल रहा अछूता
फिर भला कैसे कहूं
तेरे बिना जिया लागे ना
तुम तो सदा
मेरी आँख की ओट में
करवट लेते रहे
कभी नींद में तो कभी ख्वाब में
मिलते जुलते रहे
सुना है
दुनिया कहती है
तुम यहाँ कहीं नहीं हो अब
अब नहीं आओगे वापस
जाने वाले फिर नहीं आते
मगर ये तो बताओ
तुम गए कहाँ से हो
क्या मेरी यादों से
क्या मेरे नयनों से
क्या मेरे दिल से
हर पल तो तुम्हें
निहारा करती हूँ
हर पल तुम्हारा वजूद
मेरे ख्वाबों से
अठखेलियाँ करता है
कभी रूठा करते हो
कभी मनाया करते हो
कभी मेरी माँग
अपनी प्रीत से सजाया करते हो
कभी चाँदनी रात में
मेरी वेणी में फूल लगाया करते हो
कभी किसी झील के किनारे
ठहरे हुए पानी में
चाँद की सैर पर ले जाया करते हो
कभी तारावली के फूलों से
धरती सजाया करते हो
और मुझे वहाँ किसी
ख्वाब सा सजाया करते हो
तो बताओ ना
कौन है दीवाना
ये दुनिया या मैं
बताओ तो
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो
फिर कैसे कह दूं
तेरे बिना जिया लागे ना
38 टिप्पणियां:
bahut khoob....
वाह ...बहुत बढि़या।
TUM" kitna chhota sa shabd hai, par pyar se kaho to isme bahut saara pyar dikhne lagta hai..........:) Hai na Vandana Gupta:).... ek baar fir se ek payri si rachna...बताओ तो
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो.........:) sach me bemishal ho aap:D
TUM" kitna chhota sa shabd hai, par pyar se kaho to isme bahut saara pyar dikhne lagta hai..........:) Hai na Vandana Gupta:).... ek baar fir se ek payri si rachna...बताओ तो
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो.........:) sach me bemishal ho aap:D
बहुत सुंदर प्रस्तुति ......बधाई
मेरी नई पोस्ट में आपका स्वागत है|
लगता है कोई तो होगा,
जो मुझको परिपूर्ण करेगा।
सुन्दर रचना...
सादर...
ह्रदय को अलग तरह से स्पंदित कर रहा है , बहुत बढ़िया..
Kasak bharee sundar rachana!
behad roomani.....bhawpoorn....
बहुत सुन्दर भावप्रणव रचना!
बताओ तो
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो.....waah !!!!!!!!
बताओ तो
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो
फिर कैसे कह दूं
तेरे बिना जिया लागे ना... kahen na kahen , jiya to nahi hi lagega n
भावों का प्रवाहमयी झोंका ...सुन्दर प्रस्तुति
बहुत खूब!!!!!सुंदर रचना,...
मेरी नई पोस्ट के लिए -काव्यान्जलि- मे click करे
खुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....
meethi yaden aur khwaab hamesha hi bahut sunder hote hain...sab acchha hi acchha dikhayi deta hai...lekin jab yatharth k katu satyon se takrate hain to choor choor hote b dair nahi lagti. insan kabhi kabhi yadon aur beete lamhon me aisa doob jata hai ki varmaan ki kadvi sacchayon ko na to jhelne ka maada rakh pata hai na jhelna chaahta hai....aur parinaam swaroop uska vartmaan dukh se bhar jata hai.
ye sab baat tasveer ka ek rookh hai aur doosra rookh aapki rachna jo bahut maheen komal bhaawnaaon se bandhi hui hai. sunder prastuti.
बहुत खूब! भावों का बहुत सुंदर चित्रण..आभार
कुछ जुदाई जीने के लिए कुछ नए आयाम दे जाती हैं।
इस तरह की रचना का आध्यात्मिक महत्व भी है।
har taraf jab wo hi ho, fir kaise koi kahe jiya laage na...sundar bhaavpurn rachna.
bhtrin rchna ke liyen badhhaai .. akhtar khan akela kota rajsthan
मन की बात लिए सुंदर शब्द .....
तो बताओ ना
कौन है दीवाना
ये दुनिया या मैं
बताओ तो
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो...
अद्भुत, बेमिसाल.. वाह वंदनाजी निःशब्द हूँ क्या कहूँ...आभार आपका...
realy nice yar.....
realy nice yar.....
nice... kya khub
जब हर पल
हर सांस में
हर धड़कन में
मेरी रूह में
तुम ही तुम समाये हो
फिर कैसे कह दूं
तेरे बिना जिया लागे ना.
बहुत सुंदर रचना सीधे दिल से निकली अनुभूतियाँ. बधाई.
हवा का शीतल झोंका जैसी सुंदर कविता।
तुम तो मेरी
आंख की ओट
में करवट लेते रहे ....
खुबसूरत रचना
बहुत खूब ... वैसे भी पिया बिन जी नहीं लगता .. फिर धडकनों में जो समाया हो उसे कैसे कोई भूले ...
Sach, jo yadon mein ho, wah door kaise ho sakta hai
यादों में जो समाया हो वो दूर नहीं हो सकता ....बढ़िया प्रस्तुति
तेरे बिना मेरा कहीं जिया लागे न ....
ऐसा बिरले ही होता है कि विशुद्ध प्रेम की अभिव्यक्ति मात्र के लिए कविता लिखी गई हो।
अंतिम पंक्तियों में सटीक प्रश्न छोड़ती हुई ज़बरदस्त प्रेमपरक रचना.
आपने तो बहुत प्यारा लिखा ..बधाई. 'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है.
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 22 -12 - 2011 को यहाँ भी है
...नयी पुरानी हलचल में आज... क्या समझे ? नहीं समझे ? बुद्धू कहीं के ...!!
bahut sundar rachana hai....
एक टिप्पणी भेजें