पृष्ठ

शनिवार, 5 दिसंबर 2020

आकलन

 सदियों से अपना आकलन करवाती रही मगर कभी ना खुद अपना आकलन किया बस खुद को सिर्फ़ एक गृहिणी का ही दर्जा दिया


जब किसी ने प्रश्न किया
क्या करती हो तुम ?
तब जाकर ये अहसास हुआ
सिर्फ़ "अर्थ" ही कार्यक्षमता का मापदंड हुआ
चाहे आर्थिक रूप से
मैं सक्षम नहीं
लेकिन घर का सबसे कमाऊ सदस्य मैं ही हूँ
रिश्तों की दौलत से बढकर और कौन सी कमाई होती है
मैं नहीं जानती
और ना जानना चाहती हूँ

देखो ………कितनी अमीर हूँ मैं
क्या तुम हो ?

6 टिप्‍पणियां:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    06/12/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......


    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह!बहुत खूब!सही कहा आपने ।

    जवाब देंहटाएं

आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया