पिछले साल २० फरवरी को मेरे कविता संग्रह ' बदलती सोच के नए अर्थ '
का पुस्तक मेले में विमोचन हुआ था और आज एक साल बाद मेरे संग्रह
की कविता का पहली बार अनुवाद हुआ .
आंतरिक ख़ुशी मिली क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है. जब आज जैसे ही
मेल खोली तो देवी नागरानी जी की मेल मिली जिसमे उन्होंने
मेरी कविता का सिन्धी में अनुवाद किया है
का पुस्तक मेले में विमोचन हुआ था और आज एक साल बाद मेरे संग्रह
की कविता का पहली बार अनुवाद हुआ .
आंतरिक ख़ुशी मिली क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है. जब आज जैसे ही
मेल खोली तो देवी नागरानी जी की मेल मिली जिसमे उन्होंने
मेरी कविता का सिन्धी में अनुवाद किया है
जिसे आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं ..........
आपकी यह सूचना कल शुक्रवार (13.02.2015) को "भावना और कर्तव्य " (चर्चा अंक-1888)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंCongratulations!!!!
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