गुस्ताखियों को कहो ज़रा
मेरे शहर के कोने मे ठहर जायें
रात को घूंघट तो उठाने दो ज़रा
कहीं सुबह की नज़ाकत ना रुसवा हो जाये
एक पर्दानशीं का वादा है
चन्दा भी आज आधा है
लबों पर जो ठिठकी है
वो कमसिनी ज्यादा है
ऐसे मे क्यों ना गुस्ताखी हो जाये
जो सिमटी है शब तेरे आगोश मे
उसे जिलावतन किया जाये
एक तस्वीर जो उभरी थी ख्यालों मे
क्यों ना उसे तस्दीक किया जाये
यूँ ही बातों के पैमानों मे
एक जाम छलकाया जाये
रात की सरगोशी पर
चाँदनी को उतारा जाये
फिर दीदार तेरा किया जाये
कि चाँदनी भी रुसवा हो जाये
ये किस हरम से गुज़री हूँ
इसी पशोपेश में फँस जाये
पर्दानशीनों की महफ़िल में
बेपर्दा ना कोई शब जाए
गुस्ताखियों को कहो ज़रा
मेरे शहर के कोने मे ठहर जायें............
मेरे शहर के कोने मे ठहर जायें
रात को घूंघट तो उठाने दो ज़रा
कहीं सुबह की नज़ाकत ना रुसवा हो जाये
एक पर्दानशीं का वादा है
चन्दा भी आज आधा है
लबों पर जो ठिठकी है
वो कमसिनी ज्यादा है
ऐसे मे क्यों ना गुस्ताखी हो जाये
जो सिमटी है शब तेरे आगोश मे
उसे जिलावतन किया जाये
एक तस्वीर जो उभरी थी ख्यालों मे
क्यों ना उसे तस्दीक किया जाये
यूँ ही बातों के पैमानों मे
एक जाम छलकाया जाये
रात की सरगोशी पर
चाँदनी को उतारा जाये
फिर दीदार तेरा किया जाये
कि चाँदनी भी रुसवा हो जाये
ये किस हरम से गुज़री हूँ
इसी पशोपेश में फँस जाये
पर्दानशीनों की महफ़िल में
बेपर्दा ना कोई शब जाए
गुस्ताखियों को कहो ज़रा
मेरे शहर के कोने मे ठहर जायें............
मनोभावों को बहुत ही सुन्दर शब्दों में व्यक्त किया है आपने .आभार आत्महत्या:परिजनों की हत्या
जवाब देंहटाएंbahut sundar vicharon ko abhivyakti pradan ki hai aapne .aabhar
जवाब देंहटाएंPahli char pankktiyan to gazab kee hain!
जवाब देंहटाएंभावों का उत्कृष्ट प्रगटीकरण |
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंशब्दो को बहुत अच्छे से पिरोया है
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना है...
जवाब देंहटाएं:-)
कम्बक्त ये गुस्ताख कहाँ रुकने वाले ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..
वाह ...अतिसुन्दर.
जवाब देंहटाएंवाह वाह।
जवाब देंहटाएंयह अलग अंदाज़ भी खूब रहा।
सुंदर मनोभाव
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सुन्दर उद्गार
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाँग के हैडर मेँ जिँदगी एक खामोश सफर हैँ लेकिन जिँदगी तो खामोश नही बहुत सी बाते कहती हैँ कभी हँसाती हैँ कभी रुलाती हैँ तो कभी अनमने ढंग के भाव दिखाती हैँ इस सफर मेँ काफी उतार चढाव होता हैँ जो कि सुःख दुःख का अनुभव कराती हैँ फिर ये खामोश कब से हो गयी
जवाब देंहटाएं@varun kumar ji ये आप नही समझ सकते आपके लिये जो सामने है वो ही सत्य है मगर ज़िन्दगी की खामोशी से चलती है ये कोई नही जान पाता ये तो हम हैं जो उसमें खुशी और गम, उतार और चढाव महसूसते हैं और खुशी और दुखी होते हैं।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही खुबसूरत........अल्फाजों का जादू।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंsundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंsundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंखुबसूरत बातें सुन्दर ख्याल
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