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शनिवार, 3 दिसंबर 2011

"सिर्फ तुम्हारे लिए .........just for you "





क्या कहा तुमने?
सिर्फ मेरे लिए...........
चाँद को झील में ठहरा दिया
धरती को सूरज का चक्कर 
लगाने से रोक दिया
अमावस को कभी बीच में 
ना आने के लिए कह दिया
युगों को पल में ठहरने को कह दिया
रूह को आमंत्रण दे दिया
इसी जन्म में हसरतें पूरी करने का
देखो मेरी आँख में एक मोती 
आकर ठहर गया है मगर ...........
आह! बहुत देर कर दी तुमने
जिस्म तो कभी था ही नहीं
मगर रूह कहाँ से लाऊँ
अब तो वो भी काल कवलित हो गयी 
अब करना होगा फिर किसी 
जन्म तक इंतज़ार
फिर किसी युग का इंतज़ार
फिर किसी दूसरे ब्रह्माण्ड में
किसी दूसरे ग्रह पर
किसी दूसरे परिवेश में
किसी दूसरे रूप में
शायद पहचान जाएँ इक दूजे को 
और हो जाए आत्माओं का मिलन
मगर क्या ऐसा होगा?
ये कोरा भ्रम ही तो नहीं
मन बहलाने का एक जरिया तो नहीं
इस जन्म की भटकती रूह को
दिलासा देने का उपक्रम तो नहीं
क्यूँकि आज तक सिर्फ सुना ही तो है
इस जन्म में नहीं तो
फिर किसी जन्म में मिलेंगे हम
मगर क्या तुमने कभी देखा है
किसी रूह को किसी मोहब्बत की 
आरती उतारते हुए
किसी मोहब्बत की मांग में
मोहब्बत के सितारे लगाते हुए
नहीं ना ...........मैंने भी नहीं देखा
सिर्फ सुना है ..............
और हर सुनी हुई बात सच हो
जरूरी तो नहीं ना.............
चलो छोडो इन बातों को
कल क्या होगा ........नहीं जानते मगर 
मुझे , मेरी काल कवलित रूह को
तुम्हारे तीन शब्दों ने 
एक बार फिर से जिला दिया
हाँ वो ही तीन शब्द
"सिर्फ तुम्हारे लिए .........just for you "
बताओ तो अब कौन करे मौसम बदलने का इंतज़ार
जब ज़िन्दगी सिमट गयी हो
और तुम पर आकर ठहर गयी हो
कभी देखा है तुमने 
गिरे हुए फूलों को वापस लगते हुए
दरिया को उल्टा बहते हुए 
लो आज देख लो
लफ्ज़ किसी बख्तरबंद के मोहताज़ नहीं होते ...........

40 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुंदर भाव हर शब्द गहराई लिए हुए , दिल छू लेने वाली सुंदर रचना के लिए बहुत -बहुत बधाई |

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  2. उत्कृष्ट...निशब्द करते भाव...आभार

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  3. दरिया को उल्‍टे बहते हुए

    लो आज देख लो

    वाह ... बहुत खूब ... ।

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  4. बढ़िया प्रस्तुति |
    निराला अंदाज |
    बधाई ||

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  5. बहुत सुन्दर भाव.. कुछ अलग अंदाज..

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  6. आपसे निवेदन है, कृपया इस पोस्ट पर अ
    आकर अपनी राय दें -
    http://cartoondhamaka.blogspot.com/2011/12/blog-post_420.html#links

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  7. बहुत ही अच्छी प्रस्तुति.........

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  8. "सिर्फ तुम्हारे लिए .........just for you "
    निराला अंदाज...सुंदर भाव...

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  9. कविता समय चक्र के तेज़ घूमते पहिए का चित्रण है।

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  10. बेहतरीन सारगर्भित लेखन सम्वेदानुक्त

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  11. koshish karo paid se giri pili pattiyan shayad naye kopal k roop me paid se fir aa lage.

    gahan prastuti.

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  12. लफ्ज़ किसी बख्तरबंद के मोहताज़ नहीं होते ..........

    क्या बढ़िया बात इस कविता के माध्यम से पेश की है. बधाई इस खूबसूरत प्रस्तुति के लिये.

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  13. सिर्फ तुम्हारे लिए ... और जैसे सब कुछ थम गया हो ... सुन्दर अभिव्यक्ति

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  14. डूबते हुए पढ़ी है कविता सिर्फ़ तुम्हारे लिए... :)

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  15. भावों की गहराई कविता को उत्कृष्ट बना रही है।

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  16. भाव पूर्ण रचना..
    मेरे नये पोस्ट स्वागत है

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  17. अति सुन्दर प्रस्तुति.
    संगीता जी की हलचल का एक अनमोल मोती.
    पढकर मेरी तो सुध बुध है खोती.

    प्रस्तुति के लिए आभार वंदना जी.

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  18. सिर्फ तुम्हारे लिए ....... बहुत सुन्दर ...

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  19. मन के भावों को कल्पना की उड़ान दे दी है जैसे ... धाराप्रवाह बहते हुवे शब्द ... या भाव ... या दर्द ... पर लाजवाब ...

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  20. ▬● अच्छा लगा आपकी पोस्ट को देखकर... यह पेज देखकर और भी अच्छा लगा... काफी मेहनत की गयी है इसमें...
    नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके लिए सपरिवार शुभकामनायें...

    मेरे ब्लॉग्स की तरफ भी आयें तो मुझे बेहद खुशी होगी...
    [1] Gaane Anjaane | A Music Library (Bhoole Din, Bisri Yaaden..)
    [2] Meri Lekhani, Mere Vichar..
    .

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