पृष्ठ

मंगलवार, 28 जून 2011

इतनी जल्दी क्या थी

देखो आज
मुझे जरूरत थी
मगर तुम नहीं हो
ऐसा क्यूँ होता है
हमेशा .............
कभी तो सुन सको मेरे दिल की जुबान
कभी तो बांध सको रेत को मुट्ठी में
कभी तो लगा दो गांठ चुनरी में
कभी तो फाँस बिना चुभे भी निकाल दो
देखो आज तुम्हारी ...........
तुम्हारे बिन
कुम्हला गयी है
देखो कहीं ऐसा ना हो
जब तुम आओ
और देर हो जाये
तुम्हारी ........
ज़िन्दगी की धड़कन सो जाये
और तुम कहो
जानां  ...........इतनी जल्दी क्या थी जाने की
मैं आ तो रहा था ..............

24 टिप्‍पणियां:

  1. जिन्‍दगी की धड़कन सो जाये

    और तुम कहो ....


    बहुत ही गहराई लिये हुये प्रत्‍येक शब्‍द ...।

    जवाब देंहटाएं
  2. दिल से निकली रचना ...यहाँ भी दोष दूसरे पर ही की जल्दी क्या थी :):)

    जवाब देंहटाएं
  3. गहरी अनुभूति लिए सुन्दर रचना....

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना ! हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन
    -----------------
    कल 29/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है-
    आपके विचारों का स्वागत है .
    धन्यवाद
    नयी-पुरानी हलचल

    जवाब देंहटाएं
  7. जानां ...........इतनी जल्दी क्या थी जाने की
    मैं आ तो रहा था ..............
    baut khoob...aabhar

    जवाब देंहटाएं
  8. मैं पागल था जो सपने सजा रहा था, लेकिन उसे तो जाने की जल्दी थी....:-/

    जवाब देंहटाएं
  9. दिल से निकली सुन्दर रचना.

    जवाब देंहटाएं
  10. और तुम कहो
    इतनी जल्दी क्या थी जाने की
    मैं आ तो रहा था ..............
    गहरी अनुभूति........बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही अनुभूतिपरक कविता...........
    हृदय के स्तर तक.....

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत गहरी सोच...गहरे विचार...गहरी रचना...

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना

    जवाब देंहटाएं
  14. आने में कहीं देर न हो जाए...कितनी सुंदरता से आपने इस बात को शब्दों में बाँध कर कविता का रूप दे दिया

    जवाब देंहटाएं
  15. कमाल के भाव लिए पंक्तियाँ .....गहन अभिव्यक्ति लिए रचना

    जवाब देंहटाएं
  16. देर ना हो जाये कहीं देर ना हो जाये.

    सुंदर भाव की कविता.

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत सुन्दर भाव हैं वन्दना जी। बधाई...

    जवाब देंहटाएं

आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया