साथ कब किसी का होता है
सब अकेले ही चलते हैं
ये तो मन के भरम होते हैं
वो मेरा है
वो मेरा अपना है
वो मेरा प्रियतम है
जब भीड़ में भी तन्हाई डंसती है
तब पता लगता है
किस साथ के भरम में
उम्र के शहतूत गिर गए
वो जो चिने थे सदियों ने
सारे पर्वत पिघल गए
फिर इक नया सफ़र शुरू होता है
चल अकेला चल अकेला चल अकेला का सिद्धांत मुखर होता है
क्योंकि
अंतिम सत्य तो यही है
अकेले आगमन होता है
और अकेले ही गमन
तो कैसे सम्भव है
बीच में काफिलों का बनना
बस इस सबब को समझते समझते
टूट जाती हैं सारी शाखें वक्त के वृक्ष से
और उस पल का अकेलापन
काफी होता है उम्र भर को तोड़ने को
और दूसरे की थाली से रोटी खाने से कब किसी का पेट भरा है
जब तक कोई खुद न उस दोज़ख से गुजरा है
अपने हिस्से के आस्माँ को जिसने खुद ना निरखा है
कैसे सम्भव है
रेगिस्तान की रेत से पानी उलीचना ?
खुद के मरे बिना कब स्वर्ग मिला करता है
आश्वासनों की तहरीरों पर ना जीवन गुजरा करता है
जब समझ आता है तब तक
देर की देहरियों पर सांझ उतर आती है
और रात्रि के अंतिम पड़ाव से पहले
अकेलेपन के जंगलों में फिर कोई सूरजमुखी नहीं खिला करती
जानना जरूरी है ............
अकेलेपन की त्रासदी को भोगने से पहले
जानना जरूरी है …………चल अकेला के सिद्धांत को
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (07-07-2017) को "न दिमाग सोता है, न कलम" (चर्चा अंक-2659) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब , प्रभावी रचना !
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंएकला चलो का सिद्धांत हमें बार-बार प्रेरित करता है ,उद्वेलित करता हमारा पथ -प्रदर्शन करता है। सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंगहन दार्शनिक भाव .... जीवन भर ये सिद्धांत नहीं समझ पाते ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही दार्शनिक भाव और सही कहा अकेला चलो का सिद्धांत, बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
जिंदगी की राहों पर इंसान को अकेले ही चलना पड़त है। सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजीवन ताना बाना समझना आसान नहीं, गहरे भाव लिये सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
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