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सोमवार, 4 जनवरी 2016

पहला प्रयास -- ' अँधेरे का मध्य बिंदु '

मित्रों
आपकी इस मित्र का पहला प्रयास ' उपन्यास ' के क्षेत्र में आपकी प्रतीक्षा में है :


एपीएन पब्लिकेशन से प्रकाशित मेरे इस पहले प्रयास को सार्थकता आप सब ही प्रदान करेंगे जो न केवल मेरा हौसला बढ़ाएगा बल्कि मुझे आगे बढ़ने को भी प्रेरित करेगा...

एपीएन पब्लिकेशन में प्रकाशक निर्भय कुमार जी का नंबर दे रही हूँ उनसे संपर्क कर आप प्रति प्राप्त कर सकते हैं :
निर्भय कुमार : 09310672443

या 

ऑनलाइन साईट अमेज़न पर भी उपलब्ध है वहां से भी मंगवा सकते हैं :

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निर्भय कुमार जी की नज़र से
अंधेरे का मध्य बिन्दु उपन्यास मुख्यतः लिव-इन संबंधों की सच्चाई, संघर्ष और समाधान का समग्र का रूप है। इसे आकार दिया है हिन्दी की जानीमानी युवा लेखिका वंदना गुप्ता ने। कई व्यक्तिगत एवं साझा काव्य संग्रहों के बाद इस विधा में यह उनका प्रथम प्रयास है। विषय-वस्तु की विशिष्ट बुनावट इस उपन्यास के लिए अच्छी बात कही जा सकती है और यही तथ्य एक नये उपन्यासकार के रूप में वंदना जी के पक्ष में जाती है। 

लिव-इन संबंधों की दृढ़ता और विश्वास ही उपन्यास का मुख्य आधार है। स्वयं वंदना जी लिखती हैं, ''कहानी का और मेरे अंदर की स्त्री शायद यही चाहती है कि रिश्ता कोई भी हो, हर रिश्ते का आधार प्रेम, विश्वास और स्पेस ही होते हैं। जितना हम अपने रिश्तों को थोड़ा-सा स्वतंत्र रखेंगे उतना ही आपसी विश्वास और बढेगा।''

मित्रो, यह उपन्यास 9 जनवरी से आरंभ हो रहे विश्व पुस्तक मेले के दौरान हॉल नंबर 12ए में APN Publications के स्टॉल पर उपलब्ध रहेगा।

1 टिप्पणी:

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