15 जनवरी २०१६ को मेरे लिए दोहरी ख़ुशी का दिन था . एक तो मेरे पहले उपन्यास '
अँधेरे का मध्य बिंदु ' का विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर विमोचन था यानि एक तरफ पुस्तक रुपी बेटी की विदाई
तो दूसरी तरफ उस दिन मेरी बेटी भामिनी का जन्म दिन ........तो कैसे न वो
शामिल होती विमोचन में .......अभी फ़िलहाल इन झलकियों का आनंद लीजिये बाकि
बाद में एक ब्रेक के बाद :)
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जवाब देंहटाएंअति सुंदर।
बहुत बहुत बधाई .
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