कर्त्तव्य भावना से बड़ा होता है
फिर जीवन जीने को जरूरी है आगे बढ़ना
'पके पान' कब डाल से टूट गिरें कौन जानता है
और तुम्हारे आगे पूरा जीवन पड़ा है
तो छोड़ना ही होगा तुम्हें वृक्ष का मोह
बढ़ना होगा आगे और आगे पाने को एक मुकाम
जीवन संघर्ष का ही तो दूसरा नाम है
और ये भी तो एक संघर्ष ही है
जिस आँचल की छाँव तले बचपन बीता
उसी से दूर जा करना होता है निर्माण अपने लिए एक नीड़ का
हाँ , जाना ही होगा तुम्हें छोड़कर माँ की गोद मेरे बच्चे !!!
जीवन चलने का नाम ....
जवाब देंहटाएंसही बात दी
जवाब देंहटाएंसमय के साथ भी चलना ही होगा ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-07-2015) को "जब बारिश आए तो..." (चर्चा अंक- 2025) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
प्रेम से पगी--एक सीख.
जवाब देंहटाएंमिठास में पगी--सीख.
जवाब देंहटाएं