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बुधवार, 27 मई 2015

जनाब आप किसे बहला रहे हैं

बिना अवकाश लिए 
सरकारी दौरों के नाम पर 
विदेश यात्रा किए जा रहे हैं 
जनाब आप किसे बहला रहे हैं 

मेक इन इंडिया के नाम पर 
बड़े देशों से प्राप्त कर सहायता 
छोटे देशों को देकर किसका कद बढ़ा रहे हैं 
जनाब आप किसे बहला रहे हैं 

कफ़न नहीं दिया 
१२ रूपये में बीमा के नाम पर 
बस ऊंगली घुमा कान पकडे जा रहे हैं 
जनाब आप किसे बहला रहे हैं 

अपना गुणगान खुद करने के 
नए नए पैंतरे सिखा 
सेल्फी खींच मशहूर होने  के 
ये कैसे अंदाज़ सिखा रहे हैं 
जनाब आप किसे बहला रहे हैं

टीवी मीडिया की सुर्ख़ियों में 
प्रतिदिन छाए रहने के लिए  
आप तो बस बातों के बतोले खिला रहे हैं 
जनाब आप किसे बहला रहे हैं 

न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी 
सब्जबागों के शहर में बस 
अपनी हांड़ी ही चढ़ेगी 
जाने कैसे कैसे करतब दिखा रहे हैं 
जनाब आप किसे बहला रहे हैं 

ये जनता सब जानती है
वक्त रहते संभल जाओ 
वर्ना तख़्त भी उखाड़ती है 
बस इतना आप भी समझ जाओ 
जनाब अब और न बातों से बहलाओ 
कुछ काम भी करके दिखाओ अब कुछ काम भी करके दिखाओ ............

9 टिप्‍पणियां:

  1. kya ab tak humara desh sahi raste ki or agrasar tha...???
    aaj se 60 saal pehle jo mudde the... aaj bhi wo mukhya mudde hain... Roti, kapda aur makaan, sadak paani aur bijli... hum-aap (janta) ne ek daav khela hai.. dekhte hain kaha tak sahi hain...otherwise 60 saalo se pragati ki or chal rahe the jaise, fir wahi raaste par chal padenge..

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  2. कुछ करके दिखाना जरुरी है

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28-05-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1989 में दिया गया है
    धन्यवाद

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  4. वंंदना जी,
    कमाल ही कर दिया आपने,
    जनता की जुबाँ बन गई हैँ आप,

    वाह !
    मजा आ गया,
    अयंगर.

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  5. सच है बातों से देश चल सकता है लेकिन आगे नहीं बढ़ सकता !
    अब बतौलेबाजी के दिन गए

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  6. बहुत खूब
    कभी यहाँ भी पधारें

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  7. न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी
    सब्जबागों के शहर में बस
    अपनी हांड़ी ही चढ़ेगी......सही है..कुछ तो करना होगा..बातों से कब तक बहलेंगे लोग

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