पृष्ठ

रविवार, 31 मार्च 2013

क्या सुनी तुमने भी ?

लिखा उसने अपने पंखों पर अनहद नाद
और उड चली फ़डफ़डाते पंखों को
गिरने से पहले
कटने से पहले 
मिटने से पहले
कर दिया उसने अपना जीवन सम्पूर्ण 
देकर इक संदेश 
"प्रेम बिना जीना नाहीं "
और कटते रहे उसके पंख
बिखरता रहा संगीत 
हवाओं में , फ़िज़ाओं में
धरती में , आकाश में
बस गूँज रही है तभी से ये धुन अनहद नाद सी दशों दिशाओं में………क्या सुनी तुमने भी ?

22 टिप्‍पणियां:

  1. उन्मुक्त प्रेम के गीत उसकी दास्तां गूँज रही है गगन में ... इस उपवन में ... प्रेम ही तो जीवन है ...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर बहुत ही सुंदर, जीवन का यही चरमोत्कर्ष है, शुभकामनाएं.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  3. अनहद नाद महसूस करने की बात है। कोई सुन नहीं पाता, कोई सुना नहीं पाता।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति जया प्रदा भारतीय राजनीति में वीरांगना .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रेमाभिव्यक्ति वन्दना जी .....


    साभार...

    जवाब देंहटाएं
  6. काश प्यार का यही सन्देश सारी फिजाओं में सुनाई दे तो कितना अच्छा हो.

    सुंदर कविता, सार्थक सन्देश .

    जवाब देंहटाएं
  7. मूर्खता दिवस की मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-04-2013) के चर्चा मंच-1181 पर भी होगी!
    सूचनार्थ ...सादर..!

    जवाब देंहटाएं

  8. सुंदर अनुभूति
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. अनहद नाद प्रेम का , उसके लिये जो गंवाया !
    बहुत बढ़िया !

    जवाब देंहटाएं

  10. ’प्रेम बिना जीना नाही,
    हां,मैंने भी सुना.

    जवाब देंहटाएं

  11. प्रेम बिना जीना नाहीं--

    हां,मैंने भी सुना.

    जवाब देंहटाएं


  12. प्रेम बिना जीना नाही---
    हां,मैंने भी सुना.

    जवाब देंहटाएं
  13. बेहतरीन अभिव्यक्ति, पढ़ते समय बहुत सारे similar sentiments आ रहे थे .. .
    सादर शुभकामनाएं,
    मधुरेश

    जवाब देंहटाएं
  14. प्रेम बिन भी क्या जीवन .
    सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सुन्दर...
    पधारें "आँसुओं के मोती"

    जवाब देंहटाएं

आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया