भीगते मौसम की कराहटें
जैसे जिस्म की खाल में
कोई रेशमी बूंटे टाँग रहा हो
तेज़ाब में सुईयाँ डुबा डुबाकर …
देख ना कितनी खूबसूरत
कशीदाकारी हुई है
रोम- रोम पर पड़े फफोलों पर
तेरा नाम ही उभर कर आया है
अब कौन चीरे उन फोड़ों को
जिन पर महबूब का नाम उभरा हो
जीने का मज़ा तो अब आएगा
जब टीस में भी तेरा अक्स नज़र आएगा
मैंने मांग ली है दुआ रब से
ओ खुदा अब ना करना मुझे मेरे यार से जुदा
मोहब्बत में मिलन कैसे भी हुआ करे
बस यार का दीदार हुआ करे
देख ना मेरी मोहब्बत की इन्तेहाँ
सोचती हूँ ..............उन फफोलों पर
तेरे साथ अपना भी नाम अंकित कर दूं
एक बार फिर तेज़ाब में सुइयां डुबाकर
क्या हुआ जो एक बार फिर से
दर्द की बारादरियों से गुजरना पड़ेगा
तेरे नाम के साथ मेरा नाम तो जुड़ जाएगा
और दुनिया कहेगी
तेरे नाम पे शुरू तेरे नाम पे ख़त्म जिसकी कहानी हुयी
ओ राँझेया ............देख वे तेरी हीर दीवानी होयी !!!
जैसे जिस्म की खाल में
कोई रेशमी बूंटे टाँग रहा हो
तेज़ाब में सुईयाँ डुबा डुबाकर …
देख ना कितनी खूबसूरत
कशीदाकारी हुई है
रोम- रोम पर पड़े फफोलों पर
तेरा नाम ही उभर कर आया है
अब कौन चीरे उन फोड़ों को
जिन पर महबूब का नाम उभरा हो
जीने का मज़ा तो अब आएगा
जब टीस में भी तेरा अक्स नज़र आएगा
मैंने मांग ली है दुआ रब से
ओ खुदा अब ना करना मुझे मेरे यार से जुदा
मोहब्बत में मिलन कैसे भी हुआ करे
बस यार का दीदार हुआ करे
देख ना मेरी मोहब्बत की इन्तेहाँ
सोचती हूँ ..............उन फफोलों पर
तेरे साथ अपना भी नाम अंकित कर दूं
एक बार फिर तेज़ाब में सुइयां डुबाकर
क्या हुआ जो एक बार फिर से
दर्द की बारादरियों से गुजरना पड़ेगा
तेरे नाम के साथ मेरा नाम तो जुड़ जाएगा
और दुनिया कहेगी
तेरे नाम पे शुरू तेरे नाम पे ख़त्म जिसकी कहानी हुयी
ओ राँझेया ............देख वे तेरी हीर दीवानी होयी !!!
बढ़िया प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसादर
लाजवाब प्रस्तुति उम्दा भाव
जवाब देंहटाएंRECENT POST चाह है उसकी मुझे पागल बनाये
वाह...बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएं:) jabab nahi ...
जवाब देंहटाएंbehtareen likhte ho aap
khubsurat ahsaas... peeroye hue!
बेहतर लेखनी !!!
जवाब देंहटाएंप्रेम की पराकाष्ठा...बहुत सुन्दर भाव...
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति ......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति हैं. शुभकामनाएं.. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंरोम- रोम पर पड़े फफोलों पर
तेरा नाम ही उभर कर आया है
अब कौन चीरे उन फोड़ों को
जिन पर महबूब का नाम उभरा हो…
वाऽह ! क्या बात है !
बहुत खूब !
वंदना जी
इस प्रेम कविता के रंग बहुत जुदा हैं …
मुबारकबाद !
…आपकी लेखनी से सुंदर सार्थक रचनाओं का सृजन होता रहे …
शुभकामनाओं सहित…
utam-****
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंउम्दा भाव,,,,बहुत बढिया सृजन,,,बधाई।
जवाब देंहटाएंrecent post हमको रखवालो ने लूटा
उम्दा भाव बढिया सृजन , बधाई।
जवाब देंहटाएंrecent post हमको रखवालो ने लूटा
प्रेम की इन्तहां...बहुत भावपूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..
जवाब देंहटाएंअजब गजब प्रेम कहानी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना वन्दना जी ...
जवाब देंहटाएंबधाई !
बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंतेरे नाम के साथ मेरा नाम तो जुड़ जाएगा
और दुनिया कहेगी
तेरे नाम पे शुरू तेरे नाम पे ख़त्म जिसकी कहानी हुयी
ओ राँझेया ............देख वे तेरी हीर दीवानी होयी !!!
सुंदर रचना ...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबिल्कुल ही नये बिम्ब टाँक दिये हैं, भई लाजवाब.
जवाब देंहटाएंअजब गजब प्रेम की दास्तान
जवाब देंहटाएंबड़ी ही शिद्दत से इस प्रेम कहानी को दर्द की सियाही में डुबो कर आपने उकेरा है वन्दना जी ! हर लफ्ज़ उस अनोखी प्रेम कहानी का दस्तावेज़ बन गया है ! इस उत्कृष्ट अभिव्यक्ति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंबिल्कुल अलग सी रचना
जवाब देंहटाएंHRIDAY SPARSHEE BHAVABHIVYAKTI .
जवाब देंहटाएंHRIDAY SPARSHEE BHAVABHIVYAKTI .
जवाब देंहटाएंप्रेमरस में पगी खूबसूरत प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएं"मोहब्बत की इन्तेहाँ" - दर्दनाक ही सही लेकिन लक्ष्य पर संधान
जवाब देंहटाएं