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रविवार, 12 अगस्त 2012

सुनो ........मुझे भी सीखा दो जीना !

ना जाने कौन सी डाल पर
बैठती है चिड़िया
ना जाने कहाँ बनाएगी
अब नया आशियाना
ये उम्र भर उड़ते रहने की जद्दोजहद
कहीं लील ना ले
उसकी  उम्र का अनकहा हिस्सा
जो परों से तुल जाये
वो उडान कहाँ
जो उम्र से बढ़ जाये
वो आसमाँ कहाँ
फिर भी ना रुकने की हसरत
दम भर सांस लेने को
बनाना इक आशियाना
और फिर खुद ही
नेस्तनाबूद कर देना
और परवाज़ भर लेना
एक नए जहान में
एक नए आशियाने की तलाश में
कैसे इतनी निर्मोहता रखती हो तुम
आसमाँ को छूना ही तो अस्तित्व की पहचान नहीं
और उस से विलग भी रहना
एक तपस्वी की भांति
कैसे कर लेती हो तुम इतना सब
कैसे जी लेती हो अनंत में अनंत होकर
सुनो ........मुझे भी सीखा दो जीना !

22 टिप्‍पणियां:

  1. ~*~*~*~*~*जीना इसी का नाम है ~*~*~*~*~
    अच्छी कविता"}"}"}"}"}

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  2. वाकई काश हम भी होते इन पंछियों जैसे....स्नेही भी ,निर्मोही भी....

    अनु

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  3. अजीबो गरीब दास्तान बनाने बिगाड़ने की ये कैसा सुरूर ये कैसा जूनून खुद को तलाशने का

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  4. चिड़िया जैसे हो जाएँ तो मोह माया के बंधन से छुट जाएँ .... सुंदर प्रस्तुति

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  5. जीना इसी का नाम है ... बढिया प्रस्तुति..

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  6. ये उम्र भर उड़ते रहने की जद्दोजहद
    कहीं लील ना ले
    उसकी उम्र का अनकहा हिस्सा
    जो परों से तुल जाये
    वो उडान कहाँ

    ....लाज़वाब अहसास...बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..

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  7. अस्तित्व तो कंदराओं में , ख़ामोशी में भी है .... किसी को अनवरत समझना एक तप है और तप ही जीना है , उड़ान है

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  8. जीना इसी को कहते है,,,,
    लाज़वाब अहसासों की ...बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति,,,

    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

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  9. आसमा को छूना ही तो अस्तित्व की पहचान नहीं
    सुनो मुझे भी सीखा दो जीना ।
    बहुत बढियां , बहुत ही भावपूर्ण रचना ।

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  10. प्रसन्न रहने वाले, प्रसन्नता बाँटो न

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  11. आसमान को छूना ही तो जीवन नहीं , उससे विरत होकर तपस्वी सा जीवन एक साधना है .
    चिड़िया का सार्थक सन्देश है , मगर हम सब मोह माया के जकड़े :)

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  12. बेहतरीन भाव संयोजित किये हैं आपने ... आभार

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  13. बहुत सराहनीय प्रस्तुति.
    बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में. दिल को छू गयी. आभार !

    बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
    बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
    शुभकामनायें.

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  14. कैसे जी लेती हो अनंत में अनंत होकर
    सुनो...मुझे भी सिखा दो जीना !

    भावों की उत्तम अभिव्यक्ति।

    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।

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