पृष्ठ

रविवार, 1 जुलाई 2012

जलसमाधि हर किसी का नसीब नहीं होती

किससे करूँ शिकायत
और क्या कहूँ
कहीं कोई अपना मिला ही नहीं
सभी अपनों के भेस में बेगाने ही मिले
सबने अपने कार्य ही सिद्ध किये
और हम किनारे पर खड़े
लहर का इंतजार ही करते रहे
कभी तो आएगी कोई लहर
मेरे नाम की
कभी तो भिगोएगी दामन
मेरे ख्वाबों का
कभी तो लहलहाएगी सरसों
मेरी मन में भी
कभी तो साहिल को नज़र आएगी
मेरी बेजुबान बेबसी
मगर ना कोई लहर आई
ना ही साहिल ने हाथ बढाया
और मैं चुपचाप
खडी खडी
लहरों का तांडव देखती रही
उस शोर में अपना वजूद खोती रही
शायद  कुछ किनारे कभी नहीं भीगते
या  जलसमाधि हर किसी का नसीब नहीं होती

24 टिप्‍पणियां:

  1. मन की छटपटाहट को कहती सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  2. हो सकता है आपका जन्म इस बार देने के लिए ही हुआ हो , ये बात तो मालिक ही जानें .
    फिर भी आप ऐसा न कहें इश्वर बड़े कृपालु है न जाने कौन साहिल पर इंतज़ार करता मिले ....

    जवाब देंहटाएं
  3. भावमय करते शब्द...बेहतरीन रचना... शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  4. आस-विश्वास पर जीवन की नया बड़ी-बड़ी लहरों को पार कर जाती है ...

    जवाब देंहटाएं
  5. गहरी सोच सुन्दर अभिव्यक्ति..

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर भाव वंदना जी.....

    मन को छू गए.....झकझोर भी गए....

    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  7. आत्मविश्वास और सही वक्त हर समस्या का इलाज है.
    गहरी रचना.

    जवाब देंहटाएं
  8. कुछ किनारे कभी नहीं भीगते....
    सुन्दर अभिव्यक्ति....

    लहरों के इस शोर में, सुनते मेरे कान.
    दूर कहीं से आ रही, मोहक बंशी तान.


    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  9. अंतस की आवाज़ बहुत गहरा प्रभाव छोडती है.

    सुंदर रचना.

    जवाब देंहटाएं
  10. शायद कुछ किनारे कभी नहीं भीगते
    या जलसमाधि हर किसी का नसीब नहीं होती

    ...बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  11. कुछ किनारे कभी नहीं भीगते.....बहुत सुन्दर।

    जवाब देंहटाएं
  12. भीगने की चाह में कभी कभी जीवन भर बूँद भी नसीब् नहीं होती ... भावनात्मक शब्द ....

    जवाब देंहटाएं
  13. भावमय करते शब्‍दों का संगम ... बेहतरीन प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  14. समय बड़ा बलवान होता है इसलिए कहते हैं शायद वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिलता। अंतिम पंक्तियों ने समा बांध दिया लाजवाब गहन भाव अभिव्यक्ति....

    जवाब देंहटाएं
  15. अपनों के भेस में बेगाने मिलते ...
    कुछ किनारे कभी नहीं भीगते ...
    भावपूर्ण अभिव्यक्ति.

    जवाब देंहटाएं
  16. People come in disguise. No one is selfless on this earth...

    जवाब देंहटाएं
  17. भावों की ताजगी है कविता में।
    कितनी सटीक बात कही है-
    जल समाधि सबके नसीब में नहीं होती।

    जवाब देंहटाएं
  18. ओह!
    वंदना जी,
    भूल गयीं आप कि
    भले ही सब बेगाने हों,पर आप
    तो सबकी अपनी हैं,
    आप ही तो खुद लहर हैं,
    आप ही साहिल हैं,
    आपका सा नसीब तो
    नसीब वालों को भी
    नही मिलता.

    यदि मैंने कुछ गलत कहा हो तो
    फिर से पहिचानियेगा अपने आप को.

    जवाब देंहटाएं

आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया