पृष्ठ

रविवार, 3 जून 2012

किनारे बैठ मोहब्बत को उलीच रही हूँ

किनारे बैठ मोहब्बत को उलीच रही हूँ
जानती हूँ ना .............
मेरी मोहब्बत कफ़न ओढ़ कर सो रही है
बताओ तो ज़रा.............
तुमने तो मोहब्बत के सारे गुलाब
कब से पन्नों में लपेट लिए हैं
और मैं यहाँ काँटों पर तुम्हारी
याद के नश्तर सीं रही हूँ
ऐसे में कैसे मोहब्बत को जगाऊँ
उस मोहब्बत को जिसे तुमने
खुद लहू से खींच खींच कर
जिस्म से जुदा किया था
और बेजान जिस्म में
अब हरकतें कहाँ होती हैं
लहू तो सारा रिस चुका है
और अब कोई राह भी तो नहीं दिखती
तो बताओ कैसे फिर से
मोहब्बत का लहू रगों में बहे 

शिरायें तो कब की बंद हो चुकी हैं
शायद इसीलिए
अब मेरी मोहब्बत को 
किसी कश्ती की जरूरत नहीं
अब तो किनारे ही मुझे
मेरी मोहब्बत को सुकून देते हैं
तभी तो रोज किनारों पर बैठ
मोहब्बत को उलीचा करती हूँ
आखिर कब तक मोहब्बत को संवारूं मैं उधडे जिस्म में ..................

23 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही शिद्दत के साथ मोहब्बत के एक नए आयाम से परिचित कराती रचना !
    शुक्रिया .........

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति!

    जवाब देंहटाएं
  3. गहरी कविता, प्रेमजल तो होना चाहिये बहने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. bhtrin rchna vndna bahn ise me facebook par shaer kar rhaa hun .akhtar khan akela kota rajsthan

    जवाब देंहटाएं
  5. टीस को बताती ,कसक को उकेरती सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  6. अब ज़रूरत नहीं ... इस पटाक्षेप में कितनी ख़ामोशी है

    जवाब देंहटाएं
  7. वेदना में पगी सुंदर अभिव्यक्ति !

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

    जवाब देंहटाएं
  9. शीर्षक लाजवाब है।
    उलीचने के बाद यह प्रवाह आस-पास के स्थल की सिंचन तो करेगा ही।

    जवाब देंहटाएं
  10. आखिर कब तक मोहब्बत को संवारूं मैं...!! या शायद यही यकीं दिला दो कि मोहब्बत खुद को संवार देगी, जिस्मो-रूह तर जायेंगे... कभी-न-कभी...

    जवाब देंहटाएं
  11. मुहब्बत कों किसी किनारे की जरूरत नहीं ... दिल के दर्द कों लिखा है ... बहुत उम्दा ...

    जवाब देंहटाएं
  12. और उलीचने पर भी खाली नहीं होती...अद्भुत भाव...

    जवाब देंहटाएं
  13. भावमय करते शब्‍दों का संगम ...

    जवाब देंहटाएं
  14. प्रेम में पायी पीडा को शब्द दे दिये हैं आपने । आर्त रचना ।

    जवाब देंहटाएं
  15. शानदार भावों से सजी पोस्ट।

    जवाब देंहटाएं

आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया