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शनिवार, 5 मई 2012

जिम्मेदार कौन ?


जिम्मेदार कौन ?


देश के जाने माने प्रतिष्ठित संस्थान आई आई टी में यदि प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र में गलतियाँ होंगी तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा .......ये प्रश्न उठा लाजिमी है . आज पांच लाख से ज्यादा बच्चों ने ये प्रवेश परीक्षा दी और अब उत्तर जांच के वक्त जो परिणाम शो हो रहा है उसमे दो प्रश्नों के नंबरों को जीरो कर दिया गया है अब प्रश्न उठता है कि यदि ऐसा किया गया है तो क्या ये बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं ?

१ ) क्या अब टोटल मार्क्स में से उन नंबरों को कम किया जायेगा अर्थात 408 की बजाय 401 नंबर का पेपर माना जायेगा और उसी के अनुसार कट ऑफ लिस्ट बनाई जाएगी ?


२) दूसरी बात उन प्रश्नों के हल निकालने में जो बच्चों का वक्त बर्बाद हुआ उसकी कैसे भरपाई  की जाएगी  क्योंकि यदि वो गलत प्रश्न ना डाले होते और उन पर बच्चों ने अपना वक्त बर्बाद ना किया होता तो दूसरे प्रश्नों पर वो ध्यान दे सकते थे और वहाँ नंबर प्राप्त कर सकते थे .


ये प्रश्न हर बच्चे के मन में उठाना लाजिमी है क्यूँकि उन्होंने दो से तीन साल सिर्फ आई आई टी में प्रवेश के लिए मेहनत की और आज यदि आई आई टी की वजह से उनके प्रवेश में या उनके मनपसन्द विषय चुनने में परेशानी आई तो उसका कौन जिम्मेदार है?कैसे प्रोफेसर हैं जिन्होंने इतनी बड़ी गलतियाँ छोड़ दीं जबकि इस परीक्षा पर पूरे देश की नज़रें टिकी होती हैं ? कैसे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर दिया गया ना केवल इस बार बल्कि पिछले साल भी ऐसा हुआ और तब भी कोई सबक ना लेते हुए इस बार फिर बच्चों के भविष्य से खेला गया ?
 मगर बच्चों का भविष्य तो दांव पर लग ही गया है ........कौन है जिम्मेदार? हमारी सरकार , उसकी लाचार नीतियाँ या भ्रष्ट शिक्षा तंत्र ? 

18 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसा पहली बार नही हुआ,आये दिन इसी तरह की लापरवाही देखने सुनने को मिलती है,इसके लिए प्रशासन,और शिक्षा तंत्र दोनों जिम्मेदार है,जो भी कुसूरवार हो सजा मिलनी चाहिए,किसी भी तरह बच्चों के भविष्य खिलवाड करने का हक नही,..

    बहुत ही सार्थक पोस्ट,

    MY RECENT POST ....काव्यान्जलि ....:ऐसे रात गुजारी हमने.....

    MY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....

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  2. आपकी बात से सहमत हूं ... बिल्‍कुल सही कहा है आपने ... आभार ।

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  3. इस व्यवस्था का सबसे बड़ा प्रश्न है ये ... और बार बार हो रहा है ऐसा ...

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  4. बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....


    इंडिया दर्पण
    की ओर से शुभकामनाएँ।

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  5. सही सवाल उठाये हैं आपने..

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  6. जिम्मेदार, कुसूरवार जो भी हो खामियाजा तो भुगतेंगे बेचारे बच्चे जो अपने २-३ साल सिर्फ इसकी तैयारी में ही लगा दते हैं....सही प्रश्न उठाया है आपने वंदना जी

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  7. देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है ये सरकार। कभी न सुधरने का ठेका जो ले रखा है।

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  8. मुझे तो यह तंत्र ही लगता है।

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  9. चूँकि आई आई टी के प्रश्नपत्र गहन अनुसन्धान और शोध के बाद बनते हैं.. इसमें गलती होने की सम्भावना रहती है... आई आई टी के सभी प्रश्न सर्वथा नए और कांसेप्ट आधारित होते हैं.. यह कोई क्लेरिकल गलती नहीं है... कुछ ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जिनपर भरोसा किया जा सकता है.. जैसे आई आई टी, आई आई एम आदि ... आपके पुत्र ईशान के लिए शुभकामनाएं..

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  10. यह बहुत बार होता है कि प्रश्न गलत होता है और परीक्षार्थी परेशान, लेकिन ऐसे गलत प्रश्नपत्र लापरवाही का उत्कृष्ट नमूना हैं और मखौल उड़ाते हैं हमारे शिक्षातंत्र का.

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  11. vandna ji
    bahut hi sahi sawal uthaya hai aapne . yah sawal kaiyon ke man me utha hoga jaroor.
    par bachchon ke pure carier ko danv
    par laga dene se to unki puri mehnat par jo paani fer diya gaya yah waqai me ek khilwad ke alava kuchh aur nahi.
    iske liye koi thos kadam to uthana hi padega-----
    poonam

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